अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में आज मेयर पद के लिए होने वाले चुनाव में भारतीय मूल के उम्मीदवार जोहरान ममदानी (Zohran Mamdani) केंद्र में हैं। भारतवंशी फिल्ममेकर मीरा नायर के बेटे ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और कई सर्वेक्षणों में वे अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं।
वोटिंग के 1-2 दिन बाद शुरुआती नतीजे आते हैं, लेकिन अंतिम रिजल्ट आने में लगभग 1 हफ्ता लग सकता है, क्योंकि मेल-बैलट्स और अनुपस्थित वोटों की गिनती बाद में होती है।
अगर ममदानी जीतते हैं, तो वे पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर बनेंगे।
छह महीने में तीन विवादित बयान
ममदानी ने पिछले छह महीनों में तीन प्रमुख बयान दिए जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं:
- 27 मई 2025: उन्होंने कहा कि “मोदी को वॉर क्रिमिनल की तरह देखा जाना चाहिए” — इस बयान ने भारतीय समुदाय में नाराजगी फैलाई।
- 10 अक्टूबर 2025: उन्होंने कहा, “अमेरिका को इजराइल को तब तक सैन्य सहायता नहीं देनी चाहिए जब तक वह गाजा और वेस्ट बैंक की नाकाबंदी जारी रखे।”
- 16 अक्टूबर 2025: उन्होंने कहा, “दुनिया में अरबपति जैसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए, इतनी असमानता अस्वीकार्य है।”
इन बयानों से ममदानी को अमेरिका के प्रगतिशील और वामपंथी मतदाताओं का समर्थन तो मिला है, लेकिन रूढ़िवादी और भारतीय-अमेरिकी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा उनसे नाराज है।
ट्रम्प की कड़ी प्रतिक्रिया: ‘जीते तो रोक देंगे फंडिंग’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममदानी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा —
“अगर जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर बनते हैं, तो मैं शहर को दी जाने वाली संघीय फंडिंग कम कर दूंगा। हम देश विरोधी और इस्राइल विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने वालों को करदाताओं का पैसा नहीं देंगे।”
ट्रंप के इस बयान से चुनाव और ज्यादा विवादास्पद हो गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह वक्तव्य न्यूयॉर्क के लिबरल वोटर्स को और अधिक ममदानी के पक्ष में कर सकता है।
जोहरान ममदानी की उम्मीदवारी अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। एक तरफ वे असमानता और युद्ध विरोधी एजेंडा लेकर आए हैं, तो दूसरी तरफ उनके बयानों से अमेरिका-भारत संबंधों पर नई बहस शुरू हो गई है।
बता दें कि, न्यूयॉर्क सिटी की जनता अब तय करेगी कि क्या वे इस युवा भारतीय मूल के नेता को मौका देकर नई राजनीति की शुरुआत करेंगी या पारंपरिक नेतृत्व को बरकरार रखेंगी। अगर ममदानी की जीत होती है, तो यह केवल न्यूयॉर्क का नहीं, बल्कि दुनियाभर के प्रवासी भारतीयों का भी ऐतिहासिक क्षण होगा।
