भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान का कोई भी हिस्सा अब भारत की रेंज से बाहर नहीं है। भारतीय सेना के एयर डिफेंस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान ने ANI से विशेष बातचीत में यह बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि “अगर पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से हटाकर खैबर पख्तूनख्वाह भी ले जाए, तब भी वह भारत की रेंज में रहेगा।”यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया है।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत इलाकों में मौजूद आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों, लॉन्चिंग पैड्स और सप्लाई बेस को निशाना बनाया। हालांकि, फिलहाल यह ऑपरेशन रोका गया है लेकिन भारत के इजराइल में राजदूत जेपी सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि यह सिर्फ अस्थायी विराम है।वही जेपी सिंह ने कहा कि, “ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ रोका गया है। आतंकियों को भारत के खिलाफ साजिश रचने की कीमत चुकानी होगी। हमने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया है और यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तानी जमीन से आतंक का सफाया नहीं हो जाता।”उन्होंने पाकिस्तान से यह भी मांग की कि वह लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडरों हाफिज सईद, सज्जाद मीर और जकीउर रहमान लखवी को भारत को सौंपे।
हम आपको बता दें कि, भारतीय सेना ने दावा किया है कि पाकिस्तान द्वारा 9 और 10 मई को किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों का भारतीय रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह से मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना के अनुसार, स्वदेश में विकसित ‘आकाशतीर डिफेंस सिस्टम’ और L-70 एयर डिफेंस गन ने सभी हमलावर ड्रोन और मिसाइलों को समय रहते ही नष्ट कर दिया। सेना ने कहा कि ये हथियार पाकिस्तान के हमलों को नाकाम करने में अत्यंत प्रभावशाली साबित हुए हैं और आने वाले समय में भारतीय रक्षा तंत्र की रीढ़ की हड्डी बनेंगे।
वही, भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को राजस्थान के प्रसिद्ध सीमावर्ती क्षेत्र लोंगेवाला पोस्ट का दौरा किया। यह भी बताते चले कि, ये वही इलाका है जहां 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले सैनिकों से मुलाकात की और उनके साहस और पराक्रम की सराहना की। उन्होंने भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ मिलकर की गई संयुक्त कार्रवाई की समीक्षा भी की।