बिहार में इन दिनों हर क्षेत्र में सियासी शोर सुनाई दे रहा है। अब जब मौका चुनाव का है तो सरकार भी जमकर सौगात दे रही है। किसी भी क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। बिहार के कसानों को राज्य सरकार ने मखाना और राजमा उत्पादन करने वाले किसानों को इस बार सौगात दी है।
बिहार के सहरसा जिले के किसानों के लिए राज्य सरकार ने बड़ी सौगात दी है। मखाना और राजमा की खेती करने वाले किसानों को अब बेहतर बाजार मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। सरकार ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत सहरसा जिले के लिए मखाना और राजमा को चुना है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में नए अवसर भी सृजित होंगे।
कृषि विभाग के उद्यान सहायक निदेशक सलेंद्र कुमार ने बताया कि एक जिला एक उत्पाद में सहरसा जिले का चयन मखाना और राजमा के लिए किया गया है. यह किसानों के लिए काफी अच्छी खबर है. मखाना प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जाएंगे. जहां मखाना की अलग-अलग वैरायटी तैयार होगी. मखाना की खेती के लिए सरकार भी किसानों को अनुदान दे रही है और उन्हें प्रोत्साहित कर रही है. सहरसा जिले में 5000 एकड़ से अधिक में मखाना की खेती हो रही है.
कोसी इलाके के तीन प्रमुख जिलों – सहरसा, सुपौल और मधेपुरा – की पारंपरिक खेती और जलवायु को ध्यान में रखते हुए मखाना और राजमा का चयन किया गया है। इन फसलों की खेती इस इलाके में बड़े पैमाने पर होती है और किसान दशकों से इन्हीं पर निर्भर रहते आए हैं। राज्य सरकार के कृषि विभाग का मानना है कि इन फसलों को प्रोसेसिंग और मार्केट लिंक मिलने से किसानों की आमदनी दोगुनी करने का सपना साकार होगा।
सहरसा जिले में इस साल मखाना की खेती ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 5000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर मखाना की खेती हो रही है। इस बार उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने से किसान उत्साहित हैं। खेती के इस विस्तार को देखते हुए सरकार ने किसानों को अनुदान और तकनीकी सहायता देने की योजना भी तैयार की है।
बता दें कि, सहरसा जिले में मखाना और राजमा का चयन ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के तहत किया जाना न केवल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि कोसी इलाके की पारंपरिक खेती को प्रोत्साहन देने का भी जरिया बनेगा। प्रोसेसिंग यूनिट, बेहतर भंडारण और निर्यात सुविधा से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि जिले की पहचान भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनेगी।