मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मछली पालन को बढ़ावा देने और किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने मछली चारे (Fish Feed) की खरीदारी के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत अब सभी सरकारी सब्सिडी वाली मछली पालन परियोजनाओं को केवल उन्हीं आहार निर्माताओं से चारा खरीदना होगा जो राज्य में पंजीकृत, मान्यता प्राप्त या सरकार द्वारा प्रायोजित हों।
मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र में केंद्र और राज्य की संयुक्त योजनाओं के तहत कई मत्स्य पालन पहलें चल रही हैं, जैसे – मछली बीज उत्पादन केंद्र, बायोफ्लॉक सिस्टम, पिंजरा पालन, RAS (री-सर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम), और नर्सरी तालाब. इन सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मछली आहार की जरूरत होती है. अब इन सभी परियोजनाओं को बेहतर फीड मिलेगा, जिससे उत्पादन भी बेहतर होगा.
बाहरी चारे पर निर्भरता होगी कम
अब तक राज्य के अधिकांश मछली पालक बाहर से आयातित या अन्य राज्यों से मंगवाए गए मछली चारे पर निर्भर थे। इससे न केवल लागत बढ़ती थी बल्कि गुणवत्ता की भी गारंटी नहीं मिल पाती थी।
मंत्री राणे ने कहा, “नए नियम लागू होने के बाद स्थानीय मछली चारा निर्माताओं को बड़ा फायदा मिलेगा। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।”
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय मछली पालन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे न केवल किसानों और उद्यमियों को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
विशेषज्ञों की राय में, आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र भारत के मत्स्य पालन उद्योग का अग्रणी केंद्र बन सकता है।