बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के नामांकन का आज छठा दिन है और प्रदेश की राजनीति में सियासी बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। 122 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है और 20 अक्टूबर को इस चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि तय की गई है। इस बीच एनडीए के घटक दलों में तालमेल और नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने एक बड़ा बयान देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को पूरा समर्थन देने की बात कही है।
बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के लिए दूसरे चरण के नामांकन का आज छठा दिन है। दूसरे चरण में कुल 122 सीटों पर नामांकन लिए जा रहे हैं। जिसके लिए 20 अक्टूबर तक नामांकन करने की आखिरी तारीख है। ऐसे में संभावना है कि आज कई सीटों पर प्रत्याशी अपना नामांकन करेंगे।चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में एनडीए पूरी तरह से एकजुट है।
नामांकन प्रक्रिया के बीच सियासी सरगर्मी तेज
दूसरे चरण की 122 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया के दौरान पटना समेत सभी जिलों में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक सैकड़ों प्रत्याशी अपने नामांकन दाखिल कर चुके हैं। कई प्रमुख उम्मीदवारों के आज नामांकन दाखिल करने की संभावना है। नामांकन का सिलसिला 20 अक्टूबर तक जारी रहेगा, जिसके बाद स्क्रूटनी और फिर प्रत्याशियों की सूची तय की जाएगी।
नीतीश कुमार की भूमिका और एनडीए की रणनीति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ हफ्तों से लगातार एनडीए की बैठकों में शामिल होकर उम्मीदवारों के चयन और प्रचार रणनीति पर फोकस कर रहे हैं। बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं ने साफ किया है कि बिहार में चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
एनडीए की रणनीति इस बार ‘विकास और सुशासन’ पर केंद्रित है। बिजली, सड़क, शिक्षा और रोजगार को मुख्य मुद्दों के रूप में प्रचार में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने हाल में कहा था कि “बिहार में विकास का जो सिलसिला पिछले 18 सालों में चला है, उसे आगे बढ़ाना एनडीए की प्राथमिकता है।”
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण धीरे-धीरे पूरे राजनीतिक तापमान को बढ़ा रहा है। नीतीश कुमार को चिराग पासवान का समर्थन एनडीए के लिए मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। दूसरी ओर, महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान से विपक्षी कैंप में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि नामांकन की अंतिम तारीख से पहले कौन-कौन से बड़े चेहरे मैदान में उतरते हैं और बिहार की राजनीति में किस ओर हवा का रुख मुड़ता है।