अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 43 दिन लंबे शटडाउन को खत्म करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद वैश्विक बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इसका सीधा असर एशियाई और भारतीय शेयर बाजारों पर भी पड़ा है। गुरुवार के कारोबारी दिन भारतीय बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का रुख देखने को मिला, जिससे निवेशकों में नई ऊर्जा नजर आई।
मिले-जुले ग्लोबल संकेतों के बीच शेयर मार्केट (Share Market) में गुरुवार को धीमी शुरुआत हुई. सेंसेक्स इंडेक्स अपने पिछले बंद 84,466.51 की तुलना में माम हैं भारत में भी बाजार ने वैश्विक संकेतों का अनुसरण किया और गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक शुरुआत की। हालांकि शुरुआती घंटे में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन दोपहर बाद बाजार में मजबूती लौट आई।
क्या है अमेरिकी शटडाउन का असर बाजार पर?
अमेरिकी सरकार का शटडाउन खत्म होना वैश्विक वित्तीय व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। 43 दिनों तक चले इस शटडाउन के दौरान निवेशकों में असमंजस और भय का माहौल था, क्योंकि इससे सरकारी फंडिंग, आर्थिक डेटा जारी होने और सरकारी अनुबंधों पर असर पड़ा था।
जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिल पर साइन कर शटडाउन खत्म करने की घोषणा की, तो बाजारों ने तुरंत इसका स्वागत किया। निवेशकों को उम्मीद है कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्थिरता लौटेगी और आगे ब्याज दरों तथा फंडिंग से जुड़ी नीतियों में स्पष्टता आएगी।
भारत जैसे उभरते बाजारों पर अमेरिकी आर्थिक स्थिरता का सीधा असर पड़ता है। अमेरिकी बाजारों की रिकवरी से विदेशी निवेशक (FIIs) फिर से एशियाई बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं। यही वजह है कि भारतीय बाजारों में भी विदेशी निवेश की उम्मीद बढ़ी है।
बता दें कि, अमेरिकी शटडाउन का अंत न केवल अमेरिकी जनता के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि इसने वैश्विक बाजारों को भी मजबूती दी है। एशिया से लेकर भारत तक, निवेशकों का भरोसा लौटा है और बाजारों में जोश देखने को मिल रहा है।हालांकि, विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि अभी बाजार पूरी तरह स्थिर नहीं है। अमेरिकी राजनीति, ब्याज दरें, और आर्थिक नीतियां आगे भी उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती हैं। फिलहाल, अमेरिकी स्थिरता ने भारत के निवेशकों के लिए एक राहतभरा संदेश जरूर दिया है — कि भरोसा और संतुलन लौट रहा है।
