पाकिस्तान एक बार फिर राजनीतिक संकट के बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी, उनकी सेहत से जुड़े सवाल, अदालत के आदेशों की अनदेखी और पुलिस कार्रवाई से हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसी बीच केंद्रीय सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह खैबर पख्तूनख्वा (KP) में राष्ट्रपति शासन लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह कदम वहां के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी—जो इमरान खान के कट्टर समर्थक माने जाते हैं—के खिलाफ केंद्र और प्रांतीय प्रशासन के टकराव के बाद सामने आया है।
26 नवंबर को सोशल मीडिया पर खबर आई कि जेल में इमरान खान की हत्या कर दी गई है। इसके बाद उनकी बहनें और समर्थक अडियाला जेल पहुंच गए। इमरान खान की बहनें नूरीन नियाजी, अलीमा और उजमा जेल के बाहर प्रदर्शन करने लगीं। इमरान की पार्टी PTI के कार्यकर्ता पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन करने लगे।
कानून मंत्री ने हालात को “बदतर” बताया
पाकिस्तान के न्याय राज्य मंत्री अकील मलिक ने सोमवार को एक बयान में कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा और प्रशासन की स्थिति चिंताजनक स्तर तक गिर चुकी है। उनके मुताबिक, मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी न तो केंद्र सरकार से संवाद बनाए हुए हैं और न ही कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि KP में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि संविधान के अनुच्छेद 232 और 234 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति पहले दो महीनों के लिए गवर्नर रूल लागू कर सकते हैं, जिसके बाद संसद की संयुक्त बैठक से मंजूरी लेना आवश्यक होता है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी कुछ दिन पहले रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल के बाहर रात भर धरने पर बैठे थे। उनका आरोप था कि उन्हें लगातार आठवीं बार पार्टी संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने नहीं दिया गया। अफरीदी के साथ बड़ी संख्या में PTI मंत्री और समर्थक भी मौजूद थे। रात भर चले इस धरने में सुबह फज्र की नमाज भी जेल के बाहर ही अदा की गई।
इमरान खान की मौत की अफवाहें—राजनीतिक तनाव की जड़
पिछले कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर इमरान खान की मौत की अफवाहें लगातार फैल रही हैं। 26 नवंबर को एक फर्जी खबर वायरल हुई कि जेल में उनकी हत्या कर दी गई है। यह खबर फैलते ही उनके समर्थक और परिवारजन अडियाला जेल पहुंच गए।
इमरान खान की बहनें—नूरीन नियाजी, अलीमा और उजमा—जेल के बाहर प्रदर्शन करती रहीं और लगातार प्रशासन से इमरान के सुरक्षित होने का सबूत मांगती रहीं। उनके बेटे कासिम खान ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि वे इमरान की हालत को छुपा रही है। PTI ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिए, जिसके बाद जेल क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया।
बता दें कि, हालात जिस तेजी से बदल रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर सकता है। अगर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है, तो यह PTI और केंद्र सरकार के टकराव को और भड़का सकता है। फिलहाल, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शहबाज सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय लेती है और क्या अफरीदी अपनी चेतावनियों को राजनीतिक लड़ाई में बदलते हैं या न्यायपालिका का रुख अपनाते हैं। हालात जिस तेजी से बदल रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर सकता है। अगर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है, तो यह PTI और केंद्र सरकार के टकराव को और भड़का सकता है। फिलहाल,
