भारत की राजनीति और लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक ऐतिहासिक कदम उठाने की दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकेत दे दिए हैं। बुधवार, 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे और लंबे समय तक हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों तथा मंत्रियों को उनके पद से हटाने का स्पष्ट और कठोर प्रावधान करना है।
राजनीति में अपराध का मुद्दा
भारत में लंबे समय से यह बहस होती रही है कि राजनीति में अपराधीकरण (Criminalization of Politics) लोकतंत्र को कमजोर करता है। संसद और विधानसभाओं में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहां गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित नेता चुनाव जीतकर मंत्री पद तक पहुंचे हैं।
अब सबकी निगाहें संसद में होने वाली बहस पर होंगी। अगर सरकार को पर्याप्त समर्थन मिला और विधेयक पास हो गए, तो यह भारतीय राजनीति में एक बड़ा सुधार साबित होगा हालांकि इस कानून के लागू होने के बाद वास्तविक चुनौतियां तब सामने आएंगी जब न्यायिक और प्रशासनिक स्तर पर इसे निष्पक्षता से लागू किया जाएगा।