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अयोध्या रामनगरी अयोध्या ने एक बार फिर इतिहास को दोहराया जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘श्री हनुमत कथा मंडपम’ का लोकार्पण करते हुए जोरदार शब्दों में कहा कि “अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल गया है”। श्री योगी आदित्यनाथ ने जनसमूह को संबोधित करते हुए न केवल अयोध्या के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की सराहना की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई राम मंदिर की आधारशिला का भी उल्लेख किया, जो अब एक भव्य रूप में लोगों के सामने है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज वह दिन आ गया है जब हम गर्व से कह सकते हैं कि अयोध्या, जिसे कभी उपेक्षा और विवादों की भूमि समझा जाता था, आज विश्वभर में एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है।” उन्होंने बताया कि श्री हनुमत कथा मंडपम जैसे धार्मिक संरचनाएं न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक स्थल बनेंगी, बल्कि यह सांस्कृतिक नवजागरण की गवाह भी होंगी।
वही, योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि अयोध्या का जो कायाकल्प हुआ है, वह केवल एक धार्मिक परियोजना नहीं बल्कि एक समग्र विकास यात्रा है। उन्होंने कहा, “अयोध्या में बुनियादी ढांचे को नया आयाम मिला है। नई सड़कें, रेल नेटवर्क, हवाई अड्डा, पर्यटन केंद्र, धर्मशालाएं, और मंदिरों के जीर्णोद्धार ने इस पवित्र नगरी को पुनर्जीवित किया है।”राज्य सरकार द्वारा किए गए इन विकास कार्यों के पीछे एक स्पष्ट विजन रहा है—अयोध्या को एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना। इससे न केवल श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान का स्मरण
मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने जिस भव्य मंदिर की आधारशिला रखी थी, आज उसकी पताका लहरा रही है। यह केवल ईंट-पत्थर का निर्माण नहीं, बल्कि एक राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का पुनरुत्थान है।”
उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, संकल्प से सिद्धि तक की एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो पूरे देशवासियों के लिए एक आस्था का प्रतीक बन चुका है।
हम आप को बता दें कि, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हनुमत कथा मंडपम, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, कनक भवन, हनुमानगढ़ी और सरयू तट जैसे स्थलों को एकीकृत करके एक समग्र धार्मिक पर्यटन सर्किट तैयार किया जा रहा है। इससे ना केवल उत्तर भारत बल्कि पूरे देश से श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जा सकेगा।