बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना के समर्थक बीते दो दिनों से देशभर में सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को राजधानी ढाका समेत पांच जिलों में हाईवे को पूरी तरह जाम कर दिया गया, जिससे यातायात ठप हो गया और आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के खिलाफ दर्ज किए गए “झूठे और राजनैतिक उद्देश्य से बनाए गए” मामलों को तुरंत वापस लिया जाए।
इस बीच, कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी ने भी यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ढाका की बड़ी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद जमात के नायब-ए-अमीर सैयद अब्दुल्ला ने कहा कि फरवरी में चुनाव और जनमत संग्रह (रेफरेंड) एक साथ नहीं कराया जाए।
ढाका में हाईवे जाम—हसीना समर्थकों का शक्ति प्रदर्शन
अवामी लीग के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शुक्रवार को ढाका में कई महत्वपूर्ण मार्ग बाधित कर दिए। ढाका-चटगांव और ढाका-मवाई हाईवे पर बड़े पैमाने पर जाम लगाया गया। सड़क पर बैठकर नारेबाजी, बैनर-पोस्टर के साथ मार्च और पुलिस के साथ लगातार मामूली झड़पें पूरे दिन देखने को मिलीं।
कई प्रदर्शनकारी हाथों में हसीना की तस्वीरें लिए हुए थे और सरकार से उनके खिलाफ चल रहे सभी मामलों को तत्काल रद्द करने की मांग कर रहे थे। समर्थकों का कहना है कि हसीना के खिलाफ दर्ज केस राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हैं और मौजूदा सरकार इन्हें दबाव का हथियार बना रही है।
बता दें कि, विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह एक साथ अवामी लीग के समर्थक और जमात-ए-इस्लामी दोनों सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, उससे आने वाले दिनों में बांग्लादेश का राजनीतिक परिदृश्य और अधिक जटिल हो सकता है। अगर सरकार ने जल्द कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
