बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और जैसे-जैसे मतदान की तारीख नज़दीक आ रही है, राज्य का सियासी पारा भी तेजी से चढ़ता जा रहा है। आज का दिन बिहार की राजनीति के लिहाज़ से बेहद अहम रहने वाला है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव जैसे बड़े चेहरे एक ही दिन में राज्य के अलग-अलग इलाकों में चुनावी मैदान को गरमाने जा रहे हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज एक नहीं, बल्कि चार बड़ी जनसभाओं को संबोधित करेंगे. पहली जनसभा सुबह 11 बजे लखीसराय में होगी. इस सीट से बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा बीजेपी के उम्मीदवार हैं. इसके बाद शाह दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर तारापुर में दूसरी सभा करेंगे, जहां से दूसरे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मैदान में हैं. अमित शाह का अगला पड़ाव नालंदा का हिलसा होगा, जहां दोपहर 2 बजे वह तीसरी रैली करेंगे. इसके बाद उनका अंतिम कार्यक्रम पटना जिले के पालीगंज में तय है, जहां वह शाम 3 बजकर 15 मिनट पर रैली को संबोधित करेंगे.
चुनाव कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है. आज दूसरे चरण के चुनाव कर्मियों को ईवीएम और लॉगिन की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके.
राहुल गांधी की नालंदा और बरबीघा में जनसभाएं
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा और बरबीघा में रैलियां करेंगे। राहुल इससे पहले भी दरभंगा और मुजफ्फरपुर में चुनावी सभाएं कर चुके हैं।
उनका फोकस बेरोजगारी, महंगाई और केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला रहेगा। राहुल गांधी ने हाल में अपने भाषणों में बार-बार कहा है कि “बीजेपी और एनडीए सरकार अमीरों की सरकार बन चुकी है, जबकि कांग्रेस गरीबों और किसानों की आवाज़ उठाती है।”
राहुल की नालंदा रैली राजनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है, क्योंकि यह नीतीश कुमार का गृहनगर होने के साथ-साथ जेडीयू और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट मानी जाती है।
तेजस्वी यादव की 9 रैलियों से महागठबंधन में नई ऊर्जा
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आज मधेपुरा, दरभंगा और मुजफ्फरपुर सहित कई इलाकों में कुल 9 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। तेजस्वी लगातार एनडीए सरकार पर बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था को लेकर हमलावर हैं।
उनकी सभाओं में युवाओं की बड़ी संख्या देखी जा रही है। आरजेडी रणनीतिकारों के अनुसार, पार्टी इस बार रोजगार, सामाजिक न्याय और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता को साधने की कोशिश में है।
तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था, “बिहार को नौकरी चाहिए, न कि वादे और जुमले। अगर हमें मौका मिला तो हर जिले में रोजगार केंद्र खोलेंगे।”
उनकी जनसभाएं महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में जोश भर रही हैं और पार्टी को उम्मीद है कि इससे ग्रामीण इलाकों में वोट प्रतिशत बढ़ेगा।
बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है।
एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और एनडीए गठबंधन की पूरी ताकत झोंक रहे हैं, तो दूसरी तरफ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव महागठबंधन के लिए जनसमर्थन जुटाने में व्यस्त हैं।
राज्य के मतदाताओं की नजर अब नेताओं के भाषणों, घोषणाओं और वादों पर है — जो तय करेंगे कि 2025 में बिहार की सत्ता पर कौन काबिज होगा।
