नई दिल्ली / पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगा दी है। भाजपा (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) बराबर संख्या में यानी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP (Ram Vilas)] को 29 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलएम) को छह-छह सीटें मिली हैं।
BJP और JDU बराबरी से मैदान में
भाजपा और जदयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेंगे। यह बराबरी की हिस्सेदारी बताती है कि भाजपा ने इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जदयू के साथ संतुलन बनाए रखने की रणनीति अपनाई है। इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों दलों के बीच लगभग बराबर सीटों पर समझौता हुआ था, हालांकि उस समय बीजेपी ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया था।
महागठबंधन में अब भी उलझन
वहीं, विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अब भी मतभेद हैं। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच कई सीटों पर टकराव जारी है। सूत्रों के मुताबिक, राजद 150 से अधिक सीटों पर दावा कर रहा है, जबकि कांग्रेस 45 सीटें चाहती है। इस वजह से अभी तक विपक्षी गठबंधन की सूची जारी नहीं हो पाई है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महागठबंधन की देरी से एनडीए को शुरुआती चुनावी बढ़त मिल सकती है, क्योंकि एनडीए अब प्रत्याशी चयन और प्रचार रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर चुका है।
बता दें कि, बिहार की राजनीति में सीटों का यह संतुलित बंटवारा केवल चुनावी समझौता नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों की राजनीतिक दिशा तय करने वाला कदम भी है। भाजपा और जदयू के बीच समान साझेदारी और चिराग पासवान की सशक्त एंट्री ने यह साफ कर दिया है किएनडीए बिहार में एकजुट होकर मैदान में उतरने को तैयार है। अब निगाहें प्रत्याशी सूची और पहले चरण के प्रचार पर हैं, जहां से बिहार के अगले राजनीतिक समीकरण की झलक मिलनी शुरू हो जाएगी।