बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासत का पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। पहले चरण के नामांकन के आखिरी दिन राजनीतिक गलियारों में बड़ा धमाका हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पार्टी के चार बार के विधायक और पूर्व सांसद ने पाला बदलकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया।
बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के लिए आज पहले चरण के नामांकन का आठवां और आखिरी दिन है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आज खत्म हो रहे पहले चरण के नामांकन से पहले आज सभी दलों के प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि ध्यान देने वाली बात ये है कि महागठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन दलों ने अपने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया है।
RJD को बड़ा झटका—पूर्व सांसद का जन सुराज में प्रवेश
राजद को आज तगड़ा झटका उस वक्त लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता, चार बार के विधायक और एक बार सांसद रहे नेता ने जन सुराज का दामन थाम लिया। प्रशांत किशोर (PK) की रणनीति के तहत जन सुराज पार्टी लगातार बड़े नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि इस नेता की नाराजगी सीट बंटवारे को लेकर थी। उन्हें अपने पारंपरिक क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने की आशंका थी, जिसके चलते उन्होंने जन सुराज में शामिल होने का फैसला किया।
जन सुराज की तेजी से बढ़ती ताकत
जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर बिहार की सियासत में लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने हाल ही में तीसरी सूची जारी करते हुए 30 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया था।
पीके ने स्पष्ट कहा था कि उनकी पार्टी “पुरानी जातीय राजनीति” से ऊपर उठकर “जनभागीदारी आधारित राजनीति” को आगे बढ़ा रही है।
जन सुराज में आज शामिल हुए पूर्व सांसद ने कहा—
“राजद में अब विचारधारा की जगह परिवारवाद ने ले ली है। जन सुराज जनता की राजनीति की बात करता है, इसलिए मैंने पीके के साथ जुड़ने का फैसला किया है।”
चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि पहले चरण में 78 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1.6 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इनमें 82 लाख पुरुष और 78 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से 42 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
महागठबंधन के अंदर बढ़ती बेचैनी
राजद को हुए इस ताजा झटके के बाद महागठबंधन के भीतर बेचैनी और बढ़ गई है। कांग्रेस पहले से ही नाराज है कि उसे पर्याप्त सीटें नहीं मिल रहीं, जबकि माले का कहना है कि वामपंथी दलों की उपेक्षा की जा रही है।
तेजस्वी यादव ने आज दोपहर पटना में गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई है।
बिहार चुनाव 2025 का पहला चरण अभी शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। आरजेडी को पूर्व सांसद के जन सुराज में जाने से निश्चित रूप से नुकसान हुआ है। अब देखना होगा कि तेजस्वी यादव इस झटके से उबरकर महागठबंधन को कितना मजबूती से एकजुट रख पाते हैं। वहीं, प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज क्या वाकई तीसरे विकल्प के रूप में अपनी छाप छोड़ पाएगी—यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।