पटना। बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल इन दिनों चरम पर है। छठ महापर्व के साथ ही राज्य की सियासत और भी गर्मा गई है। सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए जी-जान से जुट गए हैं। विपक्षी दल जहां सरकार पर रोजगार, पलायन और अपराध को लेकर हमलावर हैं, वहीं एनडीए गठबंधन जनता के बीच लालू यादव के ‘जंगलराज’ की याद दिलाकर सत्ता में वापसी की कोशिश में है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि चुनाव के दौरान RJD कुछ भी कहे उसका कोई महत्व नहीं है। ये(RJD और कांग्रेस) जुमलेबाज लोग हैं, जुमलेबाज लोगों पर बिहार की जनता विश्वास नहीं करती है। उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के राज में बिहार की इमारत को नींव से लेकर ऊपर तक तैयार किया जा रहा है। आज बिहार विकसित बिहार की ओर बढ़ रहा है।
भाजपा अध्यक्ष का महागठबंधन पर निशाना
पटना में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस जैसे दल हर चुनाव में बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जनता अब इनके छलावे में आने वाली नहीं है।
“चुनाव के दौरान आरजेडी कुछ भी कहे, उसका कोई मतलब नहीं है। ये जुमलेबाज लोग हैं और बिहार की जनता इन्हें भलीभांति पहचानती है।”
उन्होंने आगे कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी साफ कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार की नींव मजबूत की जा रही है।
“आज बिहार नई इमारत खड़ी कर रहा है, जो विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है,” जायसवाल ने कहा।
बिहार चुनावों में इस बार विकास बनाम वादों की लड़ाई देखने को मिल रही है। भाजपा-जेडीयू गठबंधन अपने काम और उपलब्धियों को सामने रख रहा है, वहीं विपक्षी दल बेरोजगारी, शिक्षा और पलायन जैसे मुद्दों को उछाल रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि राज्य में उद्योग-धंधों की स्थिति अब भी कमजोर है और युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। वहीं एनडीए का दावा है कि पिछले एक दशक में बिहार ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है।
छठ पर्व के बीच चुनावी रौनक
बिहार की राजनीति और छठ पर्व का एक गहरा रिश्ता है। इस बार छठ के साथ चुनाव प्रचार का दौर भी अपने शिखर पर है। गली-गली में राजनीतिक पोस्टर, दीवारों पर स्लोगन और चौपालों में राजनीतिक चर्चाएं आम हो गई हैं।
छठ घाटों पर भी राजनीतिक चर्चा से लोग अछूते नहीं हैं। एक ओर जहां महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी में हैं, वहीं दूसरी ओर पुरुष वर्ग राजनीतिक दलों की नीतियों और बयानों पर चर्चा करते दिख रहे हैं।
बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव के इस दौर में सियासी गर्मी चरम पर है। एक ओर एनडीए विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष बेरोजगारी और अपराध जैसे सवाल उठा रहा है। भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का यह बयान कि “जुमलेबाज लोगों पर बिहार की जनता विश्वास नहीं करती” चुनावी माहौल में नई बहस को जन्म दे गया है।
