बिहार विधानसभा का 18वां सत्र सोमवार, 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो गया। नई सरकार के गठन के बाद शुरू हुआ यह शीतकालीन सत्र कई राजनीतिक संदेश और नए समीकरणों का संकेत देता दिख रहा है। 1 से 5 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल पाँच बैठकें प्रस्तावित हैं, जिनमें विधायी कार्य, शपथ ग्रहण, अध्यक्ष का चुनाव और राज्यपाल के अभिभाषण जैसी प्रमुख प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
पटना के जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सत्र के दौरान पटना में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू रहेगी। जिसके तहत किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, जुलूस और सार्वजनिक विरोध कार्यक्रम पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। नवगठित विधानसभा के इस सत्र में कुल पांच बैठकें प्रस्तावित हैं। पहले दिन सभी 243 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी।
ऑटो से विधानसभा पहुँचे RJD विधायक
पहले दिन के सत्र का सबसे दिलचस्प दृश्य तब देखने को मिला जब आरजेडी के एक विधायक साधारण हवाई चप्पल पहनकर और ऑटो-रिक्शा से विधानसभा पहुँचे। आमतौर पर विधायक और नेता आलीशान गाड़ियों और सुरक्षा काफिलों के बीच विधानसभा पहुँचते हैं, लेकिन इस सादगीपूर्ण अंदाज़ ने मीडिया और जनता दोनों को आकर्षित किया।
यह दृश्य राजनीतिक संदेशों से भरा हुआ भी माना जा रहा है—जनता के बीच से आने का दावा, सादगी और ज़मीनी जुड़ाव की छवि। यह बात अलग है कि इससे सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चाएँ शुरू हो गईं, जहाँ कई यूज़र्स इसे सकारात्मक बदलाव बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे महज़ दिखावा भी कह रहे हैं।
राज्यपाल का अभिभाषण नई सरकार की नीतियों, योजनाओं और आने वाले वित्तीय एवं प्रशासनिक एजेंडा का खाका प्रस्तुत करेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सत्र में विकास, रोजगार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया जा सकता है।
नव-निर्वाचित विधायकों में दिखा उत्साह
शपथ ग्रहण के पहले दिन विधानसभा परिसर में नए और पुराने विधायकों का उत्साह देखने लायक था। कई विधायक अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। कुछ ने पारंपरिक परिधान पहने, जबकि कुछ आधुनिक स्टाइल में नज़र आए। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उन्हीं आरजेडी विधायक ने बटोरी जिन्होंने सामान्य नागरिक की तरह ऑटो से आकर सभी को चौंका दिया। विधानसभा के बाहर लोगों ने उन्हें देखकर फोटो और वीडियो बनाए, जो तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
बता दें कि, बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र सिर्फ औपचारिक कार्यवाही का हिस्सा नहीं, बल्कि नई सरकार की प्राथमिकताओं, राजनीतिक संदेशों और प्रशासनिक नीतियों का प्रारंभिक खाका भी है। पहले ही दिन शपथ ग्रहण, सादगीपूर्ण तरीके से आए विधायकों और तेजस्वी-सम्राट जैसे नेताओं की उपस्थिति ने इस सत्र को खास बना दिया है।आने वाले दिनों में सदन में होने वाली बहसें और प्रस्ताव यह तय करेंगी कि बिहार अगले वर्ष किस दिशा में आगे बढ़ेगा।
