समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में प्रवेश कर चुकी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपने दो वरिष्ठ विधायकों—एस.टी. सोमशेखर और ए. शिवराम हेब्बार—को कथित “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के चलते छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इस फैसले ने न केवल भाजपा के भीतर हलचल मचा दी है, बल्कि राज्य की सियासत में भी एक नया मोड़ ला दिया है।

इस बीच, उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने इस कार्रवाई की आलोचना की है। गौरतलब है कि सोमशेखर और हेब्बार क्रमश: यशवंतपुर और येल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले वे कांग्रेस में थे।2019 में वे उन 18 कांग्रेस और जेडीएस (जनता दल सेकुलर) विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को गिरा दिया था और भाजपा को राज्य में चौथी बार सत्ता में आने तथा बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने में मदद की थी।

पार्टी नेतृत्व का सख्त रुख

भाजपा कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने एक प्रेस बयान में बताया कि पार्टी नेतृत्व ने इस निर्णय पर लंबी विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद अंतिम मुहर लगाई। उन्होंने कहा, “पार्टी अनुशासन को सर्वोपरि रखते हुए दोनों विधायकों पर यह कठोर कदम उठाया गया है।” यह निर्णय भाजपा आलाकमान की उस नीति की पुष्टि करता है जिसमें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ अपनाया जाता है।

सभी चेतावनियों को नजरअंदाज किया

सूत्रों ने आरोप लगाया कि कर्नाटक विधानसभा में भी दोनों सत्तारूढ़ कांग्रेस का समर्थन करते देखे गए, जिसके साथ वे 2019 से पहले से जुड़े हुए थे।

विजयेंद्र ने कहा, ”विधायकों को खुद को सुधारने के लिए काफी समय दिया गया, लेकिन उन्होंने सभी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया। आखिरकार उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।”भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, पार्टी की राज्य कोर कमेटी की बैठकों में अक्सर उनकी गतिविधियों पर चर्चा होती थी और केंद्रीय नेतृत्व को भी उनके बारे में अवगत कराया जाता था।







































Share.
Leave A Reply

Exit mobile version