वैसे तो समाज में काला-जादू और टोना टोटके जैसी चीजों को अंधविश्वास माना जाता है. लोग इससे दूर रहें इसीलिए इन चीजों पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद देश के कई शहर ऐसे हैं जहां आज भी काला-जादू या तंत्र मंत्र जैसी गतिविधियां होती है. काफी लोग इन बातों पर भरोसा करते हैं. तंत्र-मंत्र और काला जादू का इस्तेमाल ज्यादातर दुश्मन पर विजय पाने के लिए किया जाता है, लेकिन कई बार इव विद्याओं का दुरुपयोग भी किया जाता है. कई शहर अपने काला-जादू के लिए जाने जाते हैं. लोग यहां काला-जादू, तंत्र-मंत्र और अघोर साधना के लिए आते हैं. लेकिन मुगल या अंग्रेज इन शहरों में जाने से बचते थे. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन मान्यताओं को वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं किया गया है.
बता दे कि,असम के गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर तांत्रिक साधनाओं के लिए सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह मंदिर नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित है. कामाख्या देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे देवी सती के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है. यहां देवी सती की योनि गिरी थी, इसलिए इस मंदिर में देवी की योनि की पूजा होती है. कामाख्या मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. इसका उल्लेख कालिका पुराण और योगिनी तंत्र में भी मिलता है. यह मंदिर 8वीं के दौरान बनाया गया था. मंदिर का पुनर्निर्माण कोच राजा नर नारायण और अहोम राजाओं द्वारा किया गया था. कामाख्या मंदिर को कामरूप-कामाख्या मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.