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दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड उपभोक्ता देशों में शुमार चीन ने सोने पर दी जा रही विशेष वैट (VAT) छूट को खत्म कर दिया है। 1 नवंबर 2025 से लागू हुए इस फैसले से चीन के घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक सोना बाजार (Global Gold Market) पर भी बड़ा असर पड़ने की संभावना है। इस निर्णय के बाद अब चीन में सोना खरीदना महंगा हो जाएगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी गोल्ड की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है।

चीन के वित्त मंत्रालय की तरफ से गोल्‍ड पर वैट छूट हटाने का फैसाल ऐसे समय में किया गया है, जब चीन की इकोनॉमी सुस्‍त पड़ी हुई है. रियल एस्‍टेट ओर मैन्‍य… वैट पर छूट हटाने से सरकार की कमाई बढ़ सकती है. हालांकि इस स्थिति से चीन में सोना खरीदने वाले कस्‍टमर्स को महंगे रेट का सामना करना पड़ेगा. 

अब बढ़ेगा सोने का दाम, ग्राहकों को लगेगा झटका

इस बदलाव के बाद अब खुदरा विक्रेताओं को शंघाई गोल्ड एक्सचेंज से खरीदे गए सोने पर वैट का भुगतान करना होगा। इसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन में गोल्ड की रिटेल कीमतों में 3 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है।

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से सरकार की टैक्स आमदनी तो बढ़ेगी, लेकिन ग्राहक मांग (consumer demand) घट सकती है। चीन में शादी-ब्याह और त्योहारों के सीजन में सोने की खरीदारी में भारी इजाफा होता है। अब टैक्स छूट खत्म होने से ग्राहकों को ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं।

क्यों लिया चीन ने ये फैसला?

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब चीन की अर्थव्यवस्था (Chinese Economy) कई चुनौतियों से जूझ रही है। देश का रियल एस्टेट सेक्टर संकट में है, उत्पादन (manufacturing) कमजोर है, और उपभोक्ता खर्च (consumer spending) में गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने टैक्स छूट खत्म कर अपनी राजस्व स्थिति (revenue position) मजबूत करने की कोशिश की है।

वैश्विक सोना बाजार पर असर

चीन के इस कदम से वैश्विक सोना बाजार (Global Bullion Market) पर भी असर पड़ना तय है। जब दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश अपनी मांग घटाता है, तो अंतरराष्ट्रीय कीमतों में अस्थिरता देखी जाती है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआत में सोने की स्पॉट कीमतों (Spot Prices) में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन लंबी अवधि में यह नीति कीमतों को ऊपर ले जाएगी।

भारत के लिए क्या मायने हैं?

भारत में हर साल बड़ी मात्रा में सोने का आयात (Import) किया जाता है। चीन में मांग घटने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें थोड़े समय के लिए स्थिर रह सकती हैं, लेकिन दीर्घकाल में महंगे दामों की संभावना बनी रहेगी।

विश्लेषकों का कहना है कि चीन की नीति से भारत के ज्वेलरी सेक्टर को दोहरी मार लग सकती है — एक ओर डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और दूसरी ओर वैश्विक स्तर पर गोल्ड के महंगे होने की संभावना।
इससे भारतीय ग्राहकों को भी आने वाले महीनों में सोना खरीदना महंगा पड़ सकता है।

चीन में आर्थिक मंदी और सोना निवेश का बढ़ता चलन

पिछले कुछ वर्षों में चीन में निवेशकों के बीच सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प (Safe Haven Asset) के रूप में उभरा है।
रियल एस्टेट और शेयर बाजार में गिरावट के बाद लोगों ने अपनी पूंजी को सोने में लगाना शुरू कर दिया था। सरकार को आशंका थी कि इससे मुद्रा प्रवाह (Money Flow) में असंतुलन बढ़ सकता है और उपभोग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
टैक्स छूट खत्म करके सरकार ने इस प्रवृत्ति को नियंत्रित करने की कोशिश की है।

दुनिया की अर्थव्यवस्था पर संभावित असर

वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें अमेरिकी डॉलर, महंगाई दर और ब्याज दरों से गहराई से जुड़ी होती हैं।
यदि चीन की नीति से गोल्ड की डिमांड घटती है, तो शुरुआती दौर में कीमतें कुछ घट सकती हैं।
लेकिन लंबी अवधि में जब चीन की अर्थव्यवस्था स्थिर होगी, तो मांग फिर बढ़ेगी — और सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतें (Gold Prices) फिर से ऊपर जा सकती हैं।

चीन का यह फैसला एक तरफ जहां सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने वाला कदम है, वहीं दूसरी ओर यह ग्राहकों और खुदरा बाजार के लिए महंगाई बढ़ाने वाला झटका साबित हो सकता है।
भारत सहित पूरी एशियाई बाजारों को आने वाले दिनों में चीन की नीति के असर पर नजर रखनी होगी।
चूंकि चीन का सोना बाजार दुनिया की कीमतों को प्रभावित करता है, इसलिए इस टैक्स छूट के खत्म होने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों, ज्वेलर्स और ग्राहकों — सभी पर व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।

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