दिल्ली के दिल में सोमवार शाम को हुआ धमाका एक बार फिर से देश की राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गया है। पुरानी दिल्ली स्थित लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट में अब तक आठ लोगों की मौत की पुष्टि की गई है और कई घायल अस्पतालों में इलाजरत हैं। यह घटना उस समय हुई जब इलाके में सामान्य आवाजाही जारी थी और बड़ी संख्या में लोग मेट्रो स्टेशन और आसपास की सड़कों पर मौजूद थे।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटनास्थल का दौरा किया. फ़ोरेंसिक अधिकारियों ने घटनास्थल से सैंपल इकट्ठा कर उन्हें जांच के लिए लैब भेजा है. लेकिन अब तक चार ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब मिलने बाक़ी हैं. घटना के बाद दिल्ली पुलिस, एनएसजी (NSG), फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) और क्राइम ब्रांच की टीमें मंगलवार सुबह से ही घटनास्थल पर मौजूद हैं। इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और आम नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
चार बड़े सवाल जिनके जवाब अब तक नहीं मिले
हालांकि, जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन अब तक चार अहम सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब जांच एजेंसियां नहीं दे पाई हैं —
1. विस्फोटक सामग्री क्या थी?
अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि धमाके में कौन-सा विस्फोटक पदार्थ इस्तेमाल किया गया था। शुरुआती शक अमोनियम नाइट्रेट या प्रेशर कुकर बम जैसे देशी उपकरण की ओर इशारा कर रहा है, लेकिन अधिकारियों ने किसी भी अनुमान की पुष्टि नहीं की है।
2. धमाके के पीछे कौन था?
यह सवाल सबसे बड़ा और सबसे गंभीर है। क्या यह किसी आतंकी संगठन की साजिश थी या किसी स्थानीय गिरोह का काम? इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और एनआईए (NIA) ने जांच में शामिल होकर इस पहलू पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक किसी संगठन ने धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है।
राजनीतिक हलचल और सुरक्षा अलर्ट
इस घटना के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सभी मेट्रो स्टेशनों, रेलवे टर्मिनलों, बस अड्डों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “यह बेहद दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दोषियों को जल्द पकड़ा जाना चाहिए। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।”हीं, गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और केंद्र सरकार ने एनआईए को जांच में सहयोग का निर्देश दिया है।
लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ यह धमाका न केवल दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था बल्कि देश की खुफिया एजेंसियों की सतर्कता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।जब तक इन चार सवालों के जवाब नहीं मिलते, दिल्ली का यह धमाका सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा प्रणाली के लिए चेतावनी की घंटी बनकर गूंजता रहेगा।
