नई दिल्ली: आईपीएल 2025 सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के प्रदर्शन ने न केवल फैंस को निराश किया है, बल्कि क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस सीजन टीम ने अब तक 13 मुकाबले खेले हैं, जिनमें से सिर्फ तीन में ही जीत हासिल कर पाई है। यह प्रदर्शन चेन्नई सुपरकिंग्स के इतिहास का सबसे खराब सीजन माना जा रहा है। लेकिन इस खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी आलोचना झेल रहे हैं टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)।
बता दें कि, धोनी, जो साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, अब सिर्फ आईपीएल में खेलते हैं। परंतु इस साल उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है, और इस पर पूर्व भारतीय बल्लेबाजी कोच संजय बांगर (Sanjay Bangar) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने खुलकर कहा है कि अगर वह धोनी की जगह होते, तो अब तक क्रिकेट से संन्यास ले चुके होते।
धोनी के प्रदर्शन पर संजय बांगर की दो टूक
बांगर ने धोनी की हालिया फॉर्म और कप्तानी दोनों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “अगर मैं एमएस धोनी की जगह होता तो कहता — बस बहुत हो गया। मैंने जितना खेलना था, खेल लिया। मैंने फ्रेंचाइजी को भी ध्यान में रखा। अगर ऐसा कोई मोटिवेशन है तो ठीक, लेकिन आप जानते हैं कि आपको अब आगे बढ़ना चाहिए।”संजय बांगर का मानना है कि धोनी को यह समझ लेना चाहिए कि उनके बिना भी चेन्नई सुपरकिंग्स आगे बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, “अगर आप सोचते हैं कि बदलाव तेजी से होना चाहिए, तो यह इससे अच्छा समय नहीं हो सकता। अगर मैं धोनी की जगह होता, तो इस समय को अपने करियर को विराम देने का सही समय मानता।”
धोनी का इस सीजन में बल्लेबाजी प्रदर्शन भी औसत रहा है। 13 मैचों में उन्होंने सिर्फ 196 रन बनाए हैं, और उनका स्ट्राइक रेट 135.17 रहा है। खास बात यह है कि उन्होंने इस बार ज्यादातर मुकाबलों में निचले क्रम पर बल्लेबाजी की, एक मैच में तो वह नंबर-9 पर बल्लेबाजी करने उतरे। इस बात को लेकर क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों ने उनकी आलोचना भी की है।
टीम की कप्तानी एक बार फिर धोनी को तब सौंपी गई, जब ऋतुराज गायकवाड़ चोट के चलते बाहर हो गए। हालांकि, कप्तान के रूप में धोनी कोई खास रणनीतिक बदलाव नहीं ला सके और टीम की हार का सिलसिला जारी रहा।
आईपीएल में धोनी की भूमिका पर लगातार चर्चा
धोनी का आईपीएल में खेलना अब एक भावनात्मक विषय बन गया है। करोड़ों फैन्स उनकी मैदान पर मौजूदगी को देखना चाहते हैं। लेकिन इसी भावना ने अब “टीम की जरूरत बनाम खिलाड़ी की लोकप्रियता” की बहस को जन्म दे दिया है। क्या धोनी की मौजूदगी से CSK को फायदा हो रहा है या यह फ्रेंचाइजी को आगे बढ़ने से रोक रहा है?बांगर के अनुसार, “धोनी को यह बात स्वीकार करनी चाहिए कि उनके बिना भी फ्रेंचाइजी एक नई राह पकड़ सकती है। यह एक वर्ष का समय ले सकता है, लेकिन पूरी तरह से रुकावट नहीं होगी।” यह बयान क्रिकेट जगत में गूंज बनकर सामने आया है, जहां एक ओर धोनी के प्रशंसक उनकी आलोचना को नकार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञ इसे एक व्यावसायिक नजरिया मान रहे हैं।
धोनी भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। उन्होंने भारत को 2007 T20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप, और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जिताई है। साथ ही CSK को कई बार आईपीएल खिताब दिलाया। लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें अपनी विरासत को शीर्ष पर रहते हुए छोड़ देना चाहिए, या फिर वह धीरे-धीरे मैदान से बाहर होते हुए एक नए खिलाड़ी के लिए जगह छोड़ेंगे?
धोनी के संन्यास को लेकर ये पहली बार नहीं है जब किसी पूर्व क्रिकेटर ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया हो। लेकिन संजय बांगर का बयान इसलिए अहम है क्योंकि वे भारतीय टीम के साथ तकनीकी और मानसिक तौर पर करीब से जुड़े रहे हैं।