मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। कांग्रेस पार्टी के दो वरिष्ठ नेता—दिग्विजय सिंह और कमल नाथ—आपस में आमने-सामने नज़र आ रहे हैं। विवाद का मुद्दा है वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार का गिरना, जिसने न केवल राज्य की राजनीति को नई दिशा दी बल्कि पार्टी की आंतरिक एकजुटता पर भी सवाल खड़े किए।
इस पर कमल नाथ ने इंटरनेट मीडिया पर प्रतिक्रिया देते कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह भ्रम था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं और इसी कारण सरकार गिरी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कमल नाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी, लेकिन यह सरकार केवल 15 महीने तक ही चल पाई।
इस पर कमल नाथ ने इंटरनेट मीडिया पर प्रतिक्रिया देते कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह भ्रम था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं और इसी कारण सरकार गिरी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कमल नाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी, लेकिन यह सरकार केवल 15 महीने तक ही चल पाई।
कमल नाथ का पलटवार
दिग्विजय के इस बयान के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि “ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह भ्रम था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी गलतफहमी और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण उन्होंने भाजपा का दामन थामा और हमारी सरकार गिर गई
दिग्विजय सिंह और कमल नाथ के बीच हालिया विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस अब भी अपने अतीत की घटनाओं से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। सरकार गिरने के पाँच साल बाद भी पार्टी उसी मुद्दे पर उलझी हुई है।