समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

नई दिल्ली।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में हलचल पैदा कर दी है। इस बार उनका निशाना वे देश बने हैं, जिन्होंने अमेरिकी टेक कंपनियों—गूगल, मेटा , अमेजन और एप्पल —पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगाया है। ट्रंप ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि ऐसे देशों पर अमेरिका भारी-भरकम आयात शुल्क (Tariff) लगाएगा और साथ ही सेमीकंडक्टर चिप्स जैसे अहम निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से भी पीछे नहीं हटेगा।

‘चीन की कंपनियों को मिल रहा छूट और हमें…’
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर तल्ख लहजे में कहा कि वह अमेरिका की “शानदार टेक कंपनियों” के खिलाफ होने वाले किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि डिजिटल टैक्स, डिजिटल सर्विस नियम और डिजिटल मार्केट रेगुलेशन अमेरिकी टेक्नोलॉजी को नुकसान पहुंचाने और भेदभाव करने के लिए बनाए गए हैं।

ट्रंप ने गुस्से में यह भी कहा कि ये नियम चीन की बड़ी टेक कंपनियों को पूरी तरह छूट देते हैं, जो बिल्कुल नाकाबिले-बर्दाश्त है।

ट्रंप की कड़ी चेतावनी

सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा कि वह अमेरिकी टेक्नोलॉजी को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी नियम को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनके अनुसार, डिजिटल टैक्स और डिजिटल मार्केट रेगुलेशन पूरी तरह से “भेदभावपूर्ण” हैं और इनका मकसद अमेरिकी कंपनियों को आर्थिक रूप से कमजोर करना है।

किन देशों पर असर?

डिजिटल सर्विस टैक्स सबसे पहले यूरोपियन यूनियन (EU) के कई देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने लागू किया। इन देशों ने तर्क दिया कि अमेरिकी टेक कंपनियां उनके बाजार से अरबों डॉलर कमाती हैं लेकिन टैक्स बहुत कम देती हैं। इसी कारण से उन्होंने डिजिटल सर्विस टैक्स की व्यवस्था शुरू की।

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान केवल एक चेतावनी भर नहीं, बल्कि वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा भी है। डिजिटल सर्विस टैक्स को लेकर अमेरिका और अन्य देशों के बीच तनाव बढ़ना तय है।जहां एक ओर देश अपने राजस्व की रक्षा के लिए डिजिटल टैक्स लागू कर रहे हैं, वहीं अमेरिका इसे अपनी टेक कंपनियों पर हमला मान रहा है। आने वाले दिनों में यदि यह विवाद बढ़ता है तो इसका सीधा असर आईफोन, अमेजन सर्विसेज़, गूगल क्लाउड और मेटा प्लेटफॉर्म्स के उपयोगकर्ताओं पर पड़ सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान केवल एक चेतावनी भर नहीं, बल्कि वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा भी है। डिजिटल सर्विस टैक्स को लेकर अमेरिका और अन्य देशों के बीच तनाव बढ़ना तय है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version