कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में अपने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये बदलाव सीधे तौर पर लाखों नौकरीपेशा लोगों को प्रभावित करेंगे। खासकर पेंशन और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से जुड़े नियमों में हुए सुधार अब कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता देंगे।
इसके अलावा किसी पुराने कर्मचारी को अब नया UAN नहीं दिया जाएगा। अगर वो कंपनी भी बदलता है, तो भी उसका पुराना UAN नंबर ही काम करेगा। पहले ऐसा होता था कि कुछ कर्मचारियों को नई कंपनी में नया UAN मिल जाता था, जिससे उनके भविष्य निधि ( PF) रिकॉर्ड बिखर जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
एक बार मिला UAN, जीवनभर वही रहेगा
अब किसी भी कर्मचारी को कंपनी बदलने पर नया UAN नंबर नहीं मिलेगा। पहले अक्सर ऐसा होता था कि कर्मचारियों को नई नौकरी मिलने पर नया UAN जारी हो जाता था, जिससे PF का रिकॉर्ड बिखर जाता था और फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया जटिल हो जाती थी। नए नियम के बाद कर्मचारी का पुराना UAN ही उसकी पूरी प्रोफेशनल लाइफ में सक्रिय रहेगा। इससे PF ट्रांसफर, पेंशन और अकाउंट की निगरानी कहीं ज्यादा आसान होगी।
क्यों जरूरी थे ये बदलाव?
EPFO के रिकॉर्ड में लंबे समय से यह समस्या रही है कि कई कर्मचारियों के अलग-अलग UAN बन गए। नई नौकरी मिलने पर कंपनियां नया UAN जारी कर देती थीं, जिससे PF और EPS खातों का डेटा गड़बड़ा जाता था। फंड ट्रांसफर और पेंशन क्लेम की प्रक्रिया जटिल हो जाती थी।
कर्मचारियों को क्या होगा फायदा?
इन नए बदलावों से कर्मचारियों को कई तरह के फायदे मिलेंगे:
- पेंशन का अधिकार बढ़ा: अब अल्प अवधि तक काम करने वाले कर्मचारियों को भी EPS से पेंशन का लाभ मिलेगा। यह विशेष रूप से कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स और अस्थायी नौकरी करने वालों के लिए राहत है।
- एक ही UAN से सुविधा: पूरी नौकरी की अवधि में सिर्फ एक ही UAN रहने से PF ट्रांसफर सरल होगा और रिटायरमेंट के समय लाभ लेना आसान होगा।
- फर्जी खातों से सुरक्षा: FAT तकनीक से नकली या डुप्लीकेट UAN बनने की समस्या समाप्त होगी।
- तेज़ क्लेम निपटान: जब डेटा सुरक्षित और स्पष्ट रहेगा तो PF और पेंशन क्लेम का सेटलमेंट भी तेज़ी से होगा।
- डिजिटल सुविधा: UMANG ऐप के जरिए सभी प्रोसेस मोबाइल पर ही पूरे किए जा सकेंगे, जिससे कर्मचारियों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
बता दें कि, EPFO के इन नए नियमों से नौकरीपेशा लोगों की मुश्किलें कम होंगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। अल्प अवधि तक काम करने वालों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा और फर्जी UAN की समस्या समाप्त होगी। डिजिटल ऑथेंटिकेशन से पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और आसान बनेगी।