समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

नई दिल्ली। दिवाली और धनतेरस से ठीक पहले सोने की कीमतों ने नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार से लेकर घरेलू मार्केट तक गोल्ड ने ऐसी छलांग लगाई है कि निवेशक और ज्वेलर्स दोनों हैरान हैं। सोमवार, 15 अक्टूबर 2025 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड की कीमत 1.4 फीसदी बढ़कर 4,200.11 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई। यह पहला मौका है जब गोल्ड ने 4,200 डॉलर प्रति औंस का मनोवैज्ञानिक स्तर पार किया। वहीं भारत में एमसीएक्स (MCX) पर गोल्ड फ्यूचर्स 1,27,730 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा भाव है।

इंडिया में त्योहारों खासकर धनतेरस और दिवाली पर गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन दोनों मौकों पर गोल्ड खरीदने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस बार 18 नवंबर को धनतेरस और 20 नवंबर को दिवाली है। ज्वेलर्स इन दोनों मौकों पर गोल्ड की अच्छी मांग की उम्मीद में स्टॉक बढ़ा रहे हैं। इसका असर भी गोल्ड की कीमतों पर पड़ रहा है। भारत अपनी जरूरत के 80 फीसदी से ज्यादा गोल्ड का इंपोर्ट करता

2025 अब तक सोने के निवेशकों के लिए “गोल्डन ईयर” साबित हुआ है। साल की शुरुआत से अब तक गोल्ड ने 55% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। जब अन्य एसेट क्लास जैसे शेयर मार्केट या क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव देखा गया, तब निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के रूप में गोल्ड की ओर रुख किया।
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के बढ़ते खतरे के बीच गोल्ड ने स्थिर रिटर्न दिया, जिससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ा है।

अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद

सोने की कीमतों पर अमेरिका की मौद्रिक नीति का सीधा असर पड़ता है।
फिलहाल बाजार में उम्मीद है कि मेरिकी फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती करेगा—पहली बार अक्टूबर में और दूसरी बार दिसंबर में।
हर बार 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती का अनुमान है।
ब्याज दर घटने का सीधा असर डॉलर पर पड़ता है। डॉलर कमजोर होता है तो सोने की मांग बढ़ जाती है क्योंकि तब गोल्ड अन्य मुद्राओं में सस्ता पड़ता है।
फेड के संभावित “डविस” रुख ने गोल्ड को मजबूत सपोर्ट दिया है और निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि आने वाले महीनों में भी इसका ट्रेंड पॉजिटिव रहेगा।

. त्योहारी मांग और ज्वेलरी की बिक्री

भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि परंपरा है। धनतेरस और दीवाली जैसे त्योहारों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है।
18 नवंबर को धनतेरस और 20 नवंबर को दीवाली पड़ रही है, जिसके चलते देशभर में ज्वेलर्स ने पहले से ही स्टॉक बढ़ा लिया है।
त्योहारी सीजन में बढ़ती डिमांड के चलते बाजार में गोल्ड की कीमतों में अतिरिक्त उछाल देखा जा रहा है।


बता दें कि, ज्वेलर्स एसोसिएशन का कहना है कि इस साल गोल्ड की डिमांड पिछले 5 सालों में सबसे अधिक रहने की संभावना है।
भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा सोना इंपोर्ट करता है, ऐसे में आयातित गोल्ड की कीमत बढ़ने और रुपया कमजोर होने से भी घरेलू बाजार में सोना महंगा हुआ है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version