भारतीय शेयर बाजार में 28 फरवरी को भारी गिरावट देखी गई, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स ने 28 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस गिरावट के कारण निवेशकों के 4.27 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
सेंसेक्स-निफ्टी में बड़ी गिरावट
सेंसेक्स: 988.32 अंकों की गिरावट के साथ 73,624.59 पर पहुंचा।
निफ्टी 50: 302.50 अंकों की गिरावट के साथ 22,231.95 पर आ गया।
निफ्टी का 28 साल का रिकॉर्ड टूटा, यह लगातार पांचवें महीने गिरावट में रहा, जो 1996 के बाद पहली बार हुआ।
निवेशकों को 4.27 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
27 फरवरी 2025 को BSE का कुल मार्केट कैप 3,93,10,210 करोड़ रुपये था, जो 28 फरवरी को गिरकर 3,88,82,696 करोड़ रुपये रह गया। इससे निवेशकों को 4.27 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ।
किन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ?
ऑटो और आईटी सेक्टर: 2% से ज्यादा की गिरावट।
BSE में सिर्फ एक स्टॉक में मामूली बढ़त, बाकी सभी लाल निशान में।
ग्लोबल मार्केट का भी असर, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ा।
एशियाई बाजारों में भी मंदी
गिफ्ट NIFTY: 183 अंकों की गिरावट।
निक्केई: 3.63% की गिरावट के साथ 36,936 पर।
हैंगसेंग: 2.46% गिरकर 23,134.68 पर।
शंघाई कम्पोजिट: 0.89% की गिरावट के साथ 3,358.28 पर।
क्या है गिरावट की वजह?
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: वैश्विक मंदी की आशंका के चलते विदेशी निवेशकों ने बड़ी मात्रा में शेयर बेचे।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी का डर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संभावित सख्त कदमों का असर।
वैश्विक बाजारों में गिरावट: अमेरिकी और एशियाई बाजारों की कमजोरी ने भारतीय बाजार पर असर डाला।
मुद्रास्फीति और जियोपॉलिटिकल टेंशन: रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व की अस्थिरता भी एक कारण।
अब आगे क्या?
शेयर बाजार में जारी भारी गिरावट को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अस्थिरता जारी रह सकती है। निवेशकों को सतर्कता बरतनी होगी और सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है।