नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति बेहद सख्त और असहिष्णु है। उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “जहां भी होंगे आतंकी, हम घुसकर मारेंगे।” जयशंकर का यह बयान न केवल पाकिस्तान के लिए एक सीधी चेतावनी है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ (Zero Tolerance) नीति का भी दोहराव है।
जयशंकर ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका और कुछ पश्चिमी विश्लेषक, भारत को यह सलाह दे रहे हैं कि वह अपने पड़ोसी देशों—पाकिस्तान और चीन—के साथ सुरक्षा चिंताओं को कम करके आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करे। लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
एस. जयशंकर ने पश्चिमी देशों को भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता करने की सलाह न दी जाए। उन्होंने कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और उसे अपने लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।“हमारे लिए आर्थिक प्रगति और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। हम इन दोनों को संतुलित ढंग से आगे बढ़ाने में सक्षम हैं। हमें यह न सिखाया जाए कि हमें क्या प्राथमिकता देनी चाहिए,” जयशंकर ने कहा।
पाकिस्तान के लिए गंभीर चेतावनी
भारत ने बार-बार पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि वह अपने क्षेत्र में पल रहे आतंकी संगठनों को या तो खत्म करे या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। जयशंकर का ताजा बयान पाकिस्तान के लिए गंभीर चेतावनी है, जिसमें यह साफ कर दिया गया है कि यदि आतंकी गतिविधियां भारत के खिलाफ जारी रहती हैं, तो भारत कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।
FATF और अंतरराष्ट्रीय दबाव
भारत ने लंबे समय से पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण और संरक्षण के लिए वैश्विक मंचों पर बेनकाब किया है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसी संस्थाओं के सामने भारत ने सबूतों के साथ पाकिस्तान की भूमिका प्रस्तुत की है, जिससे पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा गया।
जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद अब केवल किसी एक देश की समस्या नहीं है। यह एक वैश्विक संकट है और इसके समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं से भी अपील की कि आतंक के खिलाफ बिना पक्षपात के एकजुट होकर कार्रवाई की जाए।