नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को राज्यसभा का माहौल उस समय गरमा गया जब समाजवादी पार्टी (सपा) की वरिष्ठ सांसद और मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी पर नाराज़गी जताई। मौका था ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा का, जिसके दौरान जया बच्चन ने सरकार से जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए।
राज्यसभा की इस बहस ने साफ कर दिया कि अनुच्छेद 370 और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति का मुद्दा अभी भी संसद और देश की राजनीति में बेहद संवेदनशील बना हुआ है। जया बच्चन की तीखी टिप्पणियों और प्रियंका चतुर्वेदी के संयमित रुख ने इस चर्चा को और भी सुर्खियों में ला दिया
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के बीच बढ़ा तनाव
राज्यसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा हो रही थी। यह वही ऑपरेशन है, जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने और आतंकवाद पर काबू पाने की रणनीति को लेकर बहस छिड़ी हुई है। जया बच्चन ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार यह दावा किया गया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन हाल ही में पहलगाम में हुए हमले ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बता दें कि, जया बच्चन की नाराज़गी केवल सत्ता पक्ष तक सीमित नहीं रही। चर्चा के दौरान जब उनके बगल में बैठीं शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मेज थपथपाकर अपनी सहमति जताई, तो जया बच्चन ने उन्हें भी सीधे तौर पर कहा कि वे उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश न करें।
जया बच्चन की भावनात्मक अपील
जया बच्चन ने बहस के दौरान पहलगाम में मारे गए श्रद्धालुओं को याद करते हुए भावुक अपील भी की। उन्होंने कहा, “हम संसद में बैठकर आंकड़ों की बाज़ीगरी करते हैं, लेकिन जिन परिवारों ने अपने अपनों को खोया है, उनका दर्द कौन समझेगा? सरकार को केवल दावे करने से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे।”
वही, जया बच्चन के बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने मेजें थपथपाकर उनका समर्थन किया। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) सहित कई विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद सरकार द्वारा जो दावे किए गए थे, वे हकीकत से मेल नहीं खाते।
राज्यसभा की इस बहस ने साफ कर दिया कि अनुच्छेद 370 और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति का मुद्दा अभी भी संसद और देश की राजनीति में बेहद संवेदनशील बना हुआ है। जया बच्चन की तीखी टिप्पणियों और प्रियंका चतुर्वेदी के संयमित रुख ने इस चर्चा को और भी सुर्खियों में ला दिया।