दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में रहते हुए सरकार चलाने पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग तेज कर दी है। भाजपा विधायकों ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा है और उसमें उठाए गए मुद्दों पर विधानसभा में चर्चा कराने की मांग की है।
कैबिनेट और आयोगों की बैठकों का अभाव
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, लेकिन इस दौरान इसकी कोई बैठक नहीं हुई। इससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही, छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न करना संविधान का उल्लंघन है। इसका सीधा असर दिल्ली नगर निगम (MCD) की वित्तीय स्थिति पर पड़ रहा है।
जनता के लिए बड़ा सवाल
फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही है कि दिल्ली सरकार आने वाले समय में इन आरोपों और चुनौतियों का सामना कैसे करेगी। क्या विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरकार इन मुद्दों पर अपना पक्ष रखेगी या फिर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव और गहराएगा?
बता दें कि, भाजपा नेता ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, लेकिन इस दौरान इसकी कोई बैठक नहीं हुई। इससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही, छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न करना संविधान का उल्लंघन है। इसका सीधा असर दिल्ली नगर निगम (MCD) की वित्तीय स्थिति पर पड़ रहा है।