भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि क्लास कभी पुरानी नहीं होती। चोट से लंबे अंतराल के बाद मैदान पर लौटे शमी ने रणजी ट्रॉफी 2025-26 के अपने पहले ही मुकाबले में बंगाल की ओर से खेलते हुए उत्तराखंड के खिलाफ सात विकेट झटककर चयनकर्ताओं को एक मजबूत संदेश दे दिया है।
मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर होने पर निराशा प्रकट की थी. शमी ने अजीत अगरकर पर एक तरह से निशाना साधा था. शमी ने कहा था।
शानदार वापसी – 7 विकेट लेकर दिखाई अपनी काबिलियत
ईडन गार्डन्स की पिच पर तेज गेंदबाजों को थोड़ी मदद जरूर मिल रही थी, लेकिन शमी ने जिस नियंत्रण और गति के साथ गेंदबाजी की, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अब पूरी तरह से फिट हैं। उन्होंने मैच की पहली पारी में 4 विकेट और दूसरी पारी में 3 विकेट लेकर कुल 7 विकेट अपने नाम किए।
उनकी इनस्विंग और आउटस्विंग गेंदों ने उत्तराखंड के बल्लेबाजों को बार-बार परेशान किया। शमी ने मैच के बाद कहा,
“मैंने सिर्फ खेल पर ध्यान दिया। चयन या बयानबाजी जैसी चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं हैं। मेरा काम प्रदर्शन करना है, और वही मैंने किया।”
टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद
मोहम्मद शमी ने भारत के लिए अब तक 197 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 462 विकेट लिए हैं।
उनका अनुभव और विकेट लेने की क्षमता भारत के किसी भी फॉर्मेट में बड़ा हथियार है।
पिछले एक साल से चोट के कारण वह टीम से बाहर रहे, लेकिन अब फिटनेस और फॉर्म दोनों ही उनके पक्ष में दिख रहे हैं।
क्रिकेट पंडितों का कहना है कि अगर शमी इसी लय में रहे, तो चैंपियंस ट्रॉफी 2025 और आने वाले टेस्ट सीरीज में उनकी वापसी तय है।
शमी की फिटनेस पर उठे सवाल और अब जवाब मैदान से
शमी की फिटनेस को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई अटकलें लगाई गईं। कहा गया कि वह नेट्स पर अभ्यास नहीं कर रहे हैं या बीसीसीआई की फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाए।
लेकिन शमी ने बिना कुछ कहे मैदान पर ही जवाब दिया। उन्होंने लगातार 18 ओवर का स्पेल डालकर यह साबित किया कि उनकी फिटनेस में कोई कमी नहीं है।
उनकी औसत गति 140 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर रही, जो यह दिखाता है कि वह पुराने शमी की तरह लय में लौट चुके हैं मोहम्मद शमी की यह वापसी केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक संदेश है —
कि सच्चे खिलाड़ी कभी हार नहीं मानते।
बता दें कि, उन्होंने अपने खेल, मेहनत और समर्पण से यह दिखा दिया कि चाहे कितनी भी आलोचना हो, अगर जुनून कायम है तो वापसी हमेशा संभव है। अब सबकी नजरें बीसीसीआई और अजीत अगरकर पर हैं कि क्या वे इस फॉर्म में लौटे शमी को फिर से टीम इंडिया की ब्लू जर्सी में जगह देंगे या नहीं।