प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे कॉन्क्लेव में उच्च शिक्षा पर वे मंथन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का नाम कॉन्क्लेव ऑन ट्रांसफोरमेशनल रिफॉर्म्स इन हायर एजुकेशन अंडर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल भी मौजूद हैं।
दिल्ली। नई शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस पर पिछले लगभग चार साल से काम हो रहा था, तब कहीं जाकर आज नई शिक्षा का खाका तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी नेशनल वैल्यूज के साथ जोड़ते हुए, अपने नेशनल गोल्स के अनुसार रिफॉर्म करते हुए चलता है। मकसद ये होता है कि देश का एजुकेशन सिस्टम, अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को फ्यूचर रेडी रखे, फ्यूचर रेडी करें।
आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इंप्लीमेंटेशन से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत ज्यादा अहम है। जहां तक पॉलिटिकल विल की बात है, मैं पूरी तरह कमिटेड हूं, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं।
ये भी खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का बायस है, या किसी एक ओर झुकी हुई है। कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना स्वभाविक है कि इतना बड़ा रिफॉर्म कागजों पर तो कर दिया गया, लेकिन इसे जमीन पर कैसे उतारा जाएगा। यानि अब सबकी निगाहें इसके इंप्लीमेंटेशन की तरफ हैं।
आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपने व्यूज दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रिव्यू कर रहे हैं। ये एक हेल्दी डिबेट है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा।
जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इंमप्लीमेंटेशन भी होगा। 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आज का ये कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। इस कॉन्क्लेव से भारत के एजुकेशन वर्ल्ड को राष्ट्रीय शिक्षा नीति- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी।