नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विधेयकों पर मंजूरी के बारे में समय सीमा तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को रेफरेंस भेजकर राय भी मांगी है। राष्ट्रपति ने 14 सवालों पर सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे हैं। राष्ट्रपति ने विधेयकों पर मंजूरी के बारे में समय सीमा तय करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है। बता दें राष्ट्रपति के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई करेगी और अपनी राय देगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आठ अप्रैल को तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा विधेयकों को लंबे समय तक रोके रखने के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। राज्य के विधेयकों पर मंजूरी के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तय कर दी थी। यह ऐतिहासिक फैसला न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने सुनाया था।
‘क्या SC राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तय कर सकता है’
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही बहस छिड़ गई थी कि क्या सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तय कर सकता है। जब संविधान में राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तय नहीं है तो क्या सुप्रीम कोर्ट न्यायिक आदेश के जरिए समय सीमा तय कर सकता है। अब इन सवालों का जवाब राष्ट्रपति ने स्वयं संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत प्राप्त शक्तियों में सुप्रीम कोर्ट को रेफरेंस (राष्ट्रपति प्रपत्र) भेज कर राय मांगी है। तय संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए रेफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई करती है और अपनी राय राष्ट्रपति को देती है।
राष्ट्रपति की ओर से सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए रेफरेंस में लगभग सभी सवाल संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 से संबंधित हैं, जो राज्य विधानमंडल से पास विधेयकों पर राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के बारे में हैं.