भोपाल राजस्व विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें प्रदेश के अधिकांश जिलों में अपने गृह तहसील या अनुविभाग में पदस्थ पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों (आरआई) को हटाने का निर्देश दिया गया है। यह कदम तब उठाया गया है जब विभाग को शिकायतें मिलीं कि कई राजस्व अधिकारी अपने गृह क्षेत्रों में तैनात रहकर शासन की कार्यप्रणाली में बाधा डाल रहे हैं।
इस आदेश के तहत सभी कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में ऐसे पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की सूची तैयार करें जो अपने गृह तहसील या अनुविभाग में पदस्थ हैं। इस सूची को तैयार करने के बाद उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी, ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सके और सेवा निष्पक्ष बनी रहे।
राजस्व विभाग को मिली शिकायतों में कहा गया कि पटवारी और राजस्व निरीक्षक अपने गृह क्षेत्रों में तैनात रहने के कारण पक्षपाती रवैया अपना रहे हैं। इससे न केवल शासन की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, बल्कि भूमि से जुड़ी कई शिकायतों का उचित निस्तारण भी बाधित हो रहा है। अधिकारी अपने घर या परिचितों के इलाक़े में पदस्थ होने की वजह से पक्षपातपूर्ण निर्णय ले सकते हैं, जो प्रशासनिक निष्पक्षता के लिए खतरनाक है।
प्रशासनिक जवाबदेही और कार्यक्षमता बढ़ाने का उद्देश्य
यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सके। गृह तहसील या अनुविभाग में पदस्थ अधिकारी अक्सर स्थानीय दबावों में आकर शासन के निर्देशों का पालन सही ढंग से नहीं कर पाते। इस स्थिति में उन्हें हटाकर ऐसे स्थानों पर पदस्थ किया जाएगा जहां उनके व्यक्तिगत हित प्रभावी न हों और वे निष्पक्ष रूप से अपना दायित्व निभा सकें।
कलेक्टरों की भूमिका
कलेक्टरों को इस कार्य के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। उन्हें अपने जिलों के सभी राजस्व अधिकारियों की डिटेल्ड जांच कर यह सुनिश्चित करना होगा कि कौन-कौन से पटवारी और राजस्व निरीक्षक अपने गृह तहसील या अनुविभाग में पदस्थ हैं। इसके बाद उनकी सूची बनाकर संबंधित अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
अपेक्षित परिणाम
राजस्व विभाग का मानना है कि इस कदम से प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार आएगा और जनता को न्याय मिलेगी। भूमि विवादों और राजस्व मामलों में त्वरित निपटारा संभव होगा। इसके अलावा अधिकारियों के बीच निष्पक्षता की भावना बढ़ेगी और वे शासन के नियमों का पूरी ईमानदारी से पालन करेंगे।
विशेषज्ञों की राय
कई प्रशासनिक विशेषज्ञ इस निर्णय को सराहनीय मानते हैं। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर पदस्थ अधिकारी जब अपने ही इलाके के लोगों के साथ जुड़े होते हैं तो निर्णय प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए अधिकारियों का रोटेशन और स्थानांतरण जरूरी है ताकि शासन की नीतियों का सही क्रियान्वयन हो सके।