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हाल ही में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देख कर हर कोई हैरान हैं तेंदुए की चालाकी और रफ्तार ने सबको चौंका कर रख दिया। ये दूश्य जितना ही डरावना था उससे कही ज्यादा मनोरंजन से भरपूरयह लोगों को खूब पसंद आ रहावब इसे बार बार देखना पसंद कर रहे हैं

छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से इन दिनों एक रोमांचक और रहस्यमयी वन्य जीव की खबरें सुर्खियों में हैं। यह कोई बाघ नहीं, बल्कि उतना ही खतरनाक और चालाक शिकारी है – तेंदुआ, जिसे ‘पहाड़ियों का भूत’ यानी माउंटेन घोस्ट भी कहा जाता है। यह जानवर जंगल की हरियाली, घास और चट्टानों में इस कदर घुल-मिल जाता है कि उसका शिकार उसका अस्तित्व तक नहीं भांप पाता।

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट डॉ. अंकित मेश्राम ने बताया कि तेंदुआ अत्यंत फुर्तीला और तेज़ दिमाग वाला जानवर है। यह सामने से कभी हमला नहीं करता, बल्कि चुपचाप घात लगाकर बैठा रहता है और मौका मिलते ही झपट्टा मारता है। तेंदुए की सबसे बड़ी ताकत उसकी छिपने की कला और उसकी गति है।

तेंदुए की त्वचा पर मौजूद धब्बेदार पैटर्न उसे झाड़ियों, घास और चट्टानों के बीच अदृश्य बना देता है। यही वजह है कि वह शिकार को अचानक अपनी चपेट में ले लेता है। यह जानवर न केवल जमीन पर, बल्कि पेड़ों पर भी चढ़ने में माहिर होता है और अपने शिकार को ऊँचाई पर ले जाकर आराम से खाता है, जिससे कोई और जानवर उसका मांस न चुरा सके।

साल भर प्रजनन कर सकते हैं मादा तेंदुआ

पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि तेंदुए साल भर प्रजनन कर सकते हैं। मादा तेंदुआ 90 से 105 दिनों के गर्भ के बाद 2 से 4 शावकों को जन्म देती है। ये शावक लगभग दो साल तक मां के साथ रहते हैं और इसी दौरान शिकार करने की कला सीखते हैं।

तेंदुए अवसरवादी शिकारी होते हैं, जो हिरण, जंगली सूअर, बंदर, पक्षी और कभी-कभी घरेलू मवेशियों को भी अपना शिकार बनाते हैं। इनकी यही प्रवृत्ति उन्हें गांवों और मानव बस्तियों के करीब भी ले आती है।

तेंदुए का औसत जीवनकाल 12 से 17 वर्ष

डॉ. मेश्राम ने बताया कि तेंदुए का औसत जीवनकाल जंगल में 12 से 17 वर्ष होता है। लेकिन यदि वही तेंदुआ किसी चिड़ियाघर या अभयारण्य में कैद हो जाए तो उसकी उम्र बढ़कर 23 वर्ष तक हो सकती है। तेंदुआ 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है, जो इसे एक अत्यंत प्रभावशाली शिकारी बनाता है।

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