नई दिल्ली।PM किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त में देरी को लेकर सरकार ने आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट जारी किया है। कई अयोग्य किसानों द्वारा पंजीकरण कराने के कारण आवेदनों को संदिग्ध माना गया है। सरकार ने 35 लाख से अधिक नामों को हटाया है, लेकिन वेरिफिकेशन के बाद योग्य किसानों को पुन: शामिल किया जाएगा। किस्त जारी होने में वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने तक देरी होने की संभावना है।
PM किसान सम्मान निधि योजना को लेकर फैली गलत जानकारी के बीच, केंद्र सरकार ने किसानों के बीच कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए एक बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। अपनी वेबसाइट पर एक ऑफिशियल बयान में, सरकार ने बताया कि मौजूदा गाइडलाइंस के तहत एलिजिबल न होने के बावजूद कई लाख किसानों ने इस योजना के लिए रजिस्टर किया था। इन गलत आवेदनों को अब संदिग्ध के तौर पर मार्क किया गया है।
क्या है पीएम किसान सम्मान निधि योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2019 में शुरू की गई थी ताकि किसानों को आर्थिक मदद मिल सके। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जो तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। अब तक इस योजना के माध्यम से करोड़ों किसानों को लाभ मिल चुका है। लेकिन इस बार 21वीं किस्त के भुगतान में देरी ने किसानों के बीच चिंता बढ़ा दी है। कई किसानों ने शिकायत की कि उनके खाते में पैसा नहीं आया, जबकि ई-केवाईसी और भूमि सत्यापन जैसी प्रक्रियाएं उन्होंने पहले ही पूरी कर ली थीं।
बता दें कि, जो किसान पात्र हैं और जिनका डेटा सही है, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। जांच प्रक्रिया पूरी होते ही सभी योग्य किसानों के खाते में किस्त की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।सरकार के मुताबिक, PM Kisan Yojana को “स्मार्ट डेटा सिस्टम” में अपग्रेड किया जा रहा है ताकि किसानों की पहचान और भुगतान पूरी तरह ऑटोमेटेड प्रक्रिया से हो सके।
