प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इस योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे और सीमांत किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से की थी। तब से अब तक यह योजना देशभर के करोड़ों किसानों तक पहुंच चुकी है और खेती-किसानी से जुड़ी उनकी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में सहायक साबित हुई है।
योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है। हर चार महीने के अंतराल पर 2,000 रुपये की किस्त किसानों के खाते में पहुंचती है। इस तरह किसान साल भर में तीन बार इस राशि का लाभ उठाते हैं।
21वीं किस्त कब जारी होगी?
मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार, 21वीं किस्त अक्टूबर 2025 में जारी की जा सकती है। हालांकि, अभी तक भारत सरकार ने इसकी आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और केवल सरकार या पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी पर ही भरोसा करें।
किसानों के लिए महत्व
यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। ग्रामीण भारत में अधिकतर किसान वर्ग वित्तीय तंगी का सामना करता है। खेती में लागत बढ़ने और आमदनी सीमित होने के कारण यह योजना उनके लिए मददगार साबित होती है। किसान इस राशि का उपयोग बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य कृषि जरूरतों के लिए कर सकते हैं।
विपक्ष और आलोचना
हालांकि, इस योजना की आलोचना भी होती रही है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि 6,000 रुपये सालाना किसानों की वास्तविक जरूरतों के मुकाबले बहुत कम है। वहीं कुछ राज्यों में यह भी देखा गया कि गलत लाभार्थियों (जैसे सरकारी कर्मचारी या अपात्र किसान) को भी इसका पैसा मिल गया। सरकार ने समय-समय पर ऑडिट और e-KYC जैसी प्रक्रियाओं से इन कमियों को दूर करने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने बीते छह सालों में किसानों को आर्थिक संबल दिया है और उनकी कई समस्याओं को दूर किया है। 21वीं किस्त की प्रतीक्षा अब पूरे देश के किसानों को है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब किसान समय रहते अपने दस्तावेज़ और आवेदन को सही कर लें। सरकार भी समय-समय पर जागरूकता अभियान चला रही है ताकि कोई भी पात्र किसान इस लाभ से वंचित न रह जाए।
