रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि भारत अमेरिकी दबाव के आगे कभी नहीं झुकेगा। पुतिन ने सोची में आयोजित वल्दाई डिस्कशन क्लब के पूर्ण सत्र में यह बयान दिया। उन्होंने भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक और गहरी दोस्ती पर जोर देते हुए पीएम मोदी को “एक बुद्धिमान नेता” बताया, जो हमेशा अपने देश के हित को सर्वोपरि रखते हैं।
पुतिन ने कहा कि यहां कोई राजनीतिक पहलू नहीं है; यह पूरी तरह से एक आर्थिक गणना है। क्या भारत हमारे ऊर्जा संसाधनों को छोड़ देगा? अगर ऐसा है, तो उसे कुछ नुकसान होगा। अनुमान अलग-अलग हैं; कुछ का कहना है कि यह लगभग 9-10 अरब डॉलर हो सकता है। लेकिन अगर वह इनकार नहीं करता है, तो प्रतिबंध लगाए जाएँगे, और नुकसान उतना ही होगा।
अमेरिका के टैरिफ पर पुतिन का बयान
वल्दाई डिस्कशन क्लब में पुतिन ने अमेरिकी टैरिफ और भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “यदि भारत रूसी तेल की खरीद बंद कर देता है, तो उसे लगभग 9 से 10 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है। हालांकि, मैं भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि प्रधानमंत्री मोदी किसी भी विदेशी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे। भारत अपनी गरिमा और रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखेगा।”
भारत और रूस के संबंधों की मजबूती
भारत और रूस के संबंधों को पुतिन ने “विशेष रणनीतिक साझेदारी” कहा है। यह साझेदारी रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, तकनीकी और अंतरिक्ष क्षेत्रों तक विस्तारित है। रूस भारत का प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है और दोनों देशों के बीच ऊर्जा संसाधनों का सहयोग भी मजबूत है।
बता दें कि, पुतिन ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा और पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता तथा बुद्धिमत्ता इसे और मजबूत करती है। रूस और भारत के बीच स्थायी रणनीतिक साझेदारी और सहयोग दोनों देशों की आर्थिक और राजनीतिक मजबूती को सुनिश्चित करता है। आने वाले महीनों में पुतिन की भारत यात्रा और लावरोव की शिखर सम्मेलन से पहले भारत दौरे की संभावना इस सहयोग को और नई दिशा दे सकती है।
