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खेती-किसानी को अक्सर लोग घाटे का सौदा मानते हैं, लेकिन अगर किसान सही फसल और सही तकनीक चुन ले तो यही खेती उसे मालामाल बना सकती है। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के किसान सुरेश ने इसका बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। बेहद कम लागत में उन्होंने ऐसी फसल चुनी जिसने उन्हें लाखों रुपये की आमदनी दिलाई। सुरेश ने तीन बीघा जमीन में गोल वाला बैंगन लगाया और आज वह हर हफ्ते ताजा बैंगन मंडी में बेचकर लाखों रुपये कमा रहे हैं।

वह बताते हैं कि बैंगन के पौधे एक-एक मीटर की दूरी पर लगाए जाएं तो उनकी बढ़वार अच्छी होती है और फल भी ज्यादा मिलते हैं इसी वजह से हर पौधा भरपूर बैंगन देता है.
खर्च और मुनाफे की बात करें तो सुरेश के अनुसार बैंगन की खेती पर तीन बीघा जमीन में करीब 4000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन तुड़ाई और बिक्री के बाद यह फसल ढाई से तीन लाख रुपये का मुनाफा दे देती है. यानी लागत के मुकाबले कई गुना फायदा. सुरेश मानते हैं कि खेती में लगातार मेहनत के साथ अनुभव और सही तकनीक बहुत मायने रखती है उनका कहना है किसान अगर फसल की सही किस्म चुने और समय-समय पर फसल की देखभाल करता रहे तो बैंगन जैसी सब्जी से लाखों रुपये कमा सकता है.

लगातार होती रहती है तुड़ाई

बैंगन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि एक बार पौधा फल देने लगता है तो महीनों तक लगातार उत्पादन करता रहता है। सुरेश कहते हैं कि उन्हें हर हफ्ते ताजे बैंगन मंडी में भेजने का मौका मिलता है। इससे न केवल लगातार आमदनी होती है बल्कि नकदी प्रवाह भी बना रहता है। यही वजह है कि किसानों के लिए यह सब्जी बेहद लाभकारी साबित होती है।

लागत और मुनाफे का गणित

किसान सुरेश के अनुसार, तीन बीघा जमीन में बैंगन लगाने पर उनका खर्च महज 4000 रुपये आया। इस खर्च में बीज, खाद, हल्की सिंचाई और कुछ दवा शामिल थी। लेकिन जब फसल तैयार हुई तो हर हफ्ते की तुड़ाई और बिक्री के बाद उन्होंने ढाई से तीन लाख रुपये तक की कमाई की। यह रकम उनकी उम्मीद से कहीं अधिक थी। यानी लागत से लगभग 80 गुना ज्यादा फायदा।

सुरेश मानते हैं कि खेती में मेहनत और अनुभव का बहुत महत्व है। अगर किसान सही समय पर पौधों की देखभाल करें, सिंचाई और खाद का उचित उपयोग करें तो कम लागत में भी बहुत बड़ी आमदनी हो सकती है। उन्होंने बताया कि बैंगन के पौधों में कीट और रोग लगने की आशंका रहती है, लेकिन समय-समय पर दवा छिड़काव करने से इस समस्या से बचा जा सकता है।

रामपुर के किसान सुरेश ने यह दिखा दिया है कि खेती में सही निर्णय और सही तकनीक से कोई भी किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकता है। तीन बीघा जमीन, महज 4000 रुपये की लागत और गोल वाले बैंगन की खेती ने उन्हें तीन लाख रुपये का मुनाफा दिलाया। यह न सिर्फ एक किसान की सफलता की कहानी है बल्कि उन सभी किसानों के लिए प्रेरणा है जो मानते हैं कि खेती में मुनाफा संभव नहीं है। सही फसल का चुनाव, मेहनत और समय-समय पर देखभाल—यही वे तत्व हैं जिनसे खेती सच में “सोना उगलने वाली” बन सकती है।

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