समाचार मिर्ची

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अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 विमान हादसे को आज एक महीना पूरा हो गया है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जारी कर दी है। यह हादसा 12 जून 2025 को हुआ था, जब अहमदाबाद से लंदन जा रही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर टेकऑफ के 30 सेकंड बाद ही बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर क्रैश हो गई थी। इस भीषण हादसे में 242 में से 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी, साथ ही जमीन पर 19 लोगों की जान गई और 67 घायल हुए।

AAIB की प्रारंभिक जांच के अनुसार, टेकऑफ के तीन सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच “RUN” से “CUTOFF” स्थिति में चले गए, जिसके कारण इंजन को ईंधन आपूर्ति रुक गई और विमान में जोर (थ्रस्ट) की कमी हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में दर्ज बातचीत में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया कि उसने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया, जिसका जवाब था कि उसने ऐसा नहीं किया। यह स्विच बदलना जानबूझकर हुआ या अनजाने में, यह अभी जांच का विषय है।

हादसे की जांच में AAIB के साथ-साथ अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), यूके की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB UK), बोइंग, और जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के विशेषज्ञ शामिल हैं, क्योंकि विमान अमेरिकी निर्मित है। जांचकर्ताओं ने हादसे के दूसरे दिन फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और तीसरे दिन CVR बरामद कर लिया था, जिनका विश्लेषण दिल्ली में AAIB की लैब में किया गया।

रिपोर्ट में पायलट प्रशिक्षण और सुरक्षा प्रक्रियाओं में कमियों की ओर इशारा किया गया है। विशेष रूप से, 2018 में अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच के लिए एक सलाह जारी की थी, जिसे एयर इंडिया ने लागू नहीं किया क्योंकि यह अनिवार्य नहीं था। इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञों ने हवाई अड्डे के पास ऊंची इमारतों को भी हादसे का एक संभावित कारण माना है, जो सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो सकता है।

सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ यूजर्स का मानना है कि यह हादसा सिस्टम की लापरवाही और तकनीकी खामियों का परिणाम है, जिसमें घिसे हुए टायर, रनवे की खराब स्थिति, और अपर्याप्त प्रशिक्षण शामिल हैं। जांच में संभावित तोड़फोड़ (सबोटेज) के एंगल की भी जांच की जा रही है, और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ के फोन जब्त किए गए हैं।

यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। अंतिम रिपोर्ट, जो एक वर्ष के भीतर आने की उम्मीद है, में यह स्पष्ट होगा कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार था और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। निश्चित ही यह एक बेहद गंभीर औऱ चिंताजनक घटना थी जिसने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

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