सावन मास का आगाज़ इस बार भी राजस्थान के भीलवाड़ा में आस्था और श्रद्धा के अद्भुत दृश्य के साथ हुआ। जैसे ही सूरज की पहली किरण पड़ी, हरणी गांव स्थित श्री हरणी महादेव मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। हर तरफ ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के गगनभेदी जयकारों से वातावरण शिवमय हो उठा। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाएं अर्पित कीं।
श्री हरणी महादेव मंदिर ट्रस्टी मुकेश जाट ने बताया कि भगवान शिव को प्रिय सावन का महीना शुरू हो गया है और आज सावन का पहला दिन है. सुबह 4 बजे से ही श्री हरणी महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. मंदिर ट्रस्ट द्वारा भक्तों
सावन मास में शिव पूजन का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इसी माह समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को शिव ने ग्रहण कर सृष्टि की रक्षा की थी। तभी से सावन में शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है।
पुजारी पंडित भगवती प्रसाद के मुताबिक, श्री हरणी महादेव मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से जलाभिषेक करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यही वजह है कि सावन में यहां श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
सावन में पूजा करने की विधि
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल और फूल लेकर पूजा का संकल्प लें।
सबसे पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
इसके बाद पंचामृत से अभिषेक करें।
अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते रहें।
पंचामृत से अभिषेक के बाद शिवलिंग को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
शिवलिंग पर चंदन, रोली और अक्षत लगाएं।
भगवान शिव को उनके प्रिय फूल, विशेष रूप से आंक के फूल और कनेर के फूल अर्पित करें।
बिल्व पत्र और धतूरा भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं, ऐसे में ये चीजें शिव पूजन में जरूर शामिल करें।
जानकारी दें कि, सावन के पहले दिन से ही भीलवाड़ा के श्री हरणी महादेव मंदिर में आस्था और श्रद्धा की गंगा बह उठी। भक्तों का सैलाब और मंदिर ट्रस्ट की बेहतरीन व्यवस्थाओं ने यह सुनिश्चित किया कि हर भक्त भोलेनाथ के दर्शन और आशीर्वाद से लाभान्वित हो सके।