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बिहार सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक नया और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में ‘बीज मसाले की योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों को धनिया, मेथी, सौंफ, अजवाइन और मंगरैला जैसी मसाला फसलों की खेती पर 40 फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य न केवल किसानों की आमदनी को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें परंपरागत फसलों के साथ-साथ मसाला उत्पादन की ओर प्रेरित करना भी है।

इस योजना का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास कम से कम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) जमीन है. किसानों को भूमि स्वामित्व से संबंधित प्रमाणपत्र जैसे राजस्व रसीद, वंशावली या एकरारनामा प्रस्तुत करना होगा. गैर-रैयत किसान भी एकरारनामा के आधार पर योजना का लाभ ले सकते हैं. यह एकरारनामा निर्धारित प्रारूप में होना चाहिए, जो ऑनलाइन पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है.

योजना की मुख्य बातें

बिहार सरकार ने इस योजना को राज्य के सभी 38 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की लागत पर 40 प्रतिशत यानी 20,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। यह राशि दो किस्तों में किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।

सब्सिडी का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास कम से कम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) भूमि है। इससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।

इसके अतिरिक्त, योजना के अंतर्गत किसानों को भूमि स्वामित्व के प्रमाणपत्र जैसे राजस्व रसीद, वंशावली या एकरारनामा प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। खास बात यह है कि गैर-रैयत किसान भी निर्धारित प्रारूप में एकरारनामा प्रस्तुत करके योजना का लाभ ले सकते हैं।

‘बीज मसाले की योजना’ बिहार सरकार का एक दूरदर्शी कदम है जो किसानों को नई खेती पद्धतियों की ओर प्रेरित करेगा। मसाला फसलों की खेती से न केवल किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा, बल्कि बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र को भी नई दिशा मिलेगी।

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