जापान में प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने 7 सितंबर 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के साथ ही देश की सत्ता एक बार फिर अनिश्चितता के दौर में चली गई। जापान में पिछले पांच साल में यह पांचवीं बार होगा जब प्रधानमंत्री बदलेंगे। 4 अक्टूबर को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के अध्यक्ष पद के लिए होने वाला चुनाव यह तय करेगा कि जापान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, क्योंकि परंपरा के अनुसार बहुमत वाली पार्टी का अध्यक्ष ही प्रधानमंत्री बनता है।
योशिमासा हयाशी- कई कैबिनेट पदों पर काम करने का अनुभव। पार्टी में एकता और आर्थिक स्थिरता पर फोकस है। भारत को मजबूत पार्टनर मानते हैं। फ्री एंड ओपन इंडो-पेसिफिक में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। तोशिमित्सु मोटेगी- अर्थव्यवस्था, व्यापार विशेषज्ञ। ट्रम्प के साथ टैरिफ समझौता करने में खास भूमिका थी। G4 (जापान-भारत-जर्मनी-ब्राजील) में UNSC रिफॉर्म के लिए भारत का समर्थन। विदेश मंत्री के तौर पर भारत के साथ रक्षा, डिजिटल और जलवायु सहयोग बढ़ाया।
साने ताकाइची: जापान की “आयरन लेडी”
साने ताकाइची जापान की राजनीति में एक दमदार और दृढ़ नेता के रूप में जानी जाती हैं। उन्हें अक्सर “आयरन लेडी” कहा जाता है।
- वे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की दक्षिणपंथी धड़े से आती हैं और पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी मानी जाती हैं।
- वे संविधान संशोधन, राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा नीति को लेकर हमेशा मुखर रही हैं।
- 2024 के चुनाव में वे रनर-अप रही थीं, जिसने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति का बड़ा चेहरा बना दिया।
- ताकाइची भारत को स्पेशल स्ट्रैटेजिक पार्टनर मानती हैं और क्वाड तथा इंडो-पैसिफिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर देती रही हैं।
- उनका मानना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में संतुलन और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भारत-जापान सहयोग महत्वपूर्ण है।जापान इस समय एक अहम मोड़ पर खड़ा है। प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के इस्तीफे के बाद देश एक नए नेतृत्व की तलाश में है। इस बार की दौड़ रोमांचक है क्योंकि इसमें पहली बार महिला प्रधानमंत्री बनने की संभावना बन रही है। साने ताकाइची का अनुभव और कड़ा रुख उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है, जबकि शिंजिरो कोइजुमी का युवा और उदारवादी चेहरा भी जनता को आकर्षित कर रहा है।