मुंबई कपिल शर्मा एक दशक बाद एक बार फिर अपने पुराने सफल कॉमेडी फॉर्मूले के साथ बड़े पर्दे पर लौटे हैं। ‘किस किसको प्यार करूं 2’ से कपिल दर्शकों को एक हल्की-फुल्की, सिचुएशनल कॉमेडी का मनोरंजक पैकेज देने की कोशिश करते हैं। हालांकि पहली फिल्म की तुलना में यह सीक्वल कई जगहों पर कमजोर पड़ता है, फिर भी कपिल की टाइमिंग, संवादों की टोन और हल्के-फुल्के ह्यूमर के चलते फिल्म को एक बार देखना बुरा सौदा नहीं लगता।
पुराने फॉर्मूले पर बनी हल्की-फुल्की कॉमेडी, लेकिन देखने लायक है?
जानकारी दे दें कि, कपिल शर्मा की यह मूवी देखने लायक है—खासकर अगर आप फैमिली एंटरटेनर या 90s-2000s की मैडकैप कॉमेडीज (जैसे प्रियदर्शन या डेविड धवन वाली) के फैन हैं। लेकिन अगर आप स्मार्ट, लॉजिकल ह्यूमर या कुछ नया एक्सपेक्ट कर रहे हैं, तो यह निराश कर सकती है। 10 साल बाद कपिल का सिल्वर स्क्रीन रिटर्न फैन सर्विस से भरा है, लेकिन स्क्रिप्ट पुरानी लगती है—लॉजिक की जगह स्लैपस्टिक और चिल्लाने वाले डायलॉग्स ले लेते हैं।
बता दें कि, अगर आप हल्की-फुल्की, दिमाग को आराम देने वाली, पारिवारिक कॉमेडी की तलाश में हैं तो ‘किस किसको प्यार करूं 2’ सप्ताहांत पर देखने के लिए ठीक-ठाक मनोरंजन का विकल्प है। लेकिन यदि आप कहानी में नईपन, गहराई या मॉडर्न कॉमिक टच की उम्मीद रखते हैं, तो यह फिल्म आपको निराश भी कर सकती है। यह पूरी तरह कपिल शर्मा के फैंस और पारंपरिक बॉलीवुड कॉमेडी पसंद करने वाले दर्शकों के लिए बनाई गई है।
