नई दिल्ली। लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज एक ऐसा विवाद खड़ा हो गया, जिसने न केवल सदन की कार्यवाही को प्रभावित किया, बल्कि संसदीय मर्यादा और सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों पर भी बहस छेड़ दी। हिमाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक सांसद पर सदन के अंदर ई-सिगरेट पीने का गंभीर आरोप लगाया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को शांत करते हुए कहा, “हमें संसदीय परंपराओं और नियमों का अनुपालन करना चाहिए। सदन में धूम्रपान या किसी प्रकार की स्मोकिंग की अनुमति किसी को भी नहीं है। यदि कोई ऐसा विषय मेरे संज्ञान में आएगा, तो उचित कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी।” स्पीकर ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि यदि लिखित शिकायत प्राप्त होती है, तो तत्काल जांच के आदेश दिए जाएंगे। बिरला का यह बयान सदन में कुछ हद तक शांति लाया, लेकिन विवाद की आग अभी बुझी नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा सदन की मर्यादा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह के आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
यह घटना संसदीय नैतिकता और स्वास्थ्य नीतियों के बीच एक महत्वपूर्ण टकराव को उजागर करती है। देश की जनता उम्मीद कर रही है कि स्पीकर का वादा पूरा हो और सदन की पवित्रता बनी रहे। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, अधिक विवरण सामने आ सकते हैं। फिलहाल, यह विवाद शीतकालीन सत्र का सबसे चर्चित मुद्दा बन चुका है, जो राजनीति से आगे सार्वजनिक हित की बात करता है।
