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नई दिल्ली गुरुवार का दिन भारतीय राजनीति के इतिहास में खास बन गया जब देश को नया उपराष्ट्रपति मिला। सी.पी. राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और संसद के सदस्य मौजूद रहे।

53 दिन बाद पहली बार दिखे पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

इस शपथ ग्रहण समारोह का एक और अहम पहलू रहा—पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी। 21 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद वे पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर दिखाई दिए। करीब 53 दिनों तक उनकी अनुपस्थिति को लेकर तरह-तरह की अटकलें लग रही थीं। विपक्ष ने भी लगातार सवाल उठाए थे कि आखिर धनखड़ कहां हैं और उनकी तबीयत कैसी है।

सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जगदीप धनखड़ मेहमान के तौर पर वहां पहुंचे थे। इस दौरान वह पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं हामिद अंसारी के बगल में बैठे नजर आए। इस शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव समेत कई बड़े दिग्गज मौजूद रहे। पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई बड़े नेता इस समारोह में शामिल हुए।

महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सीपी राधाकृष्णन


बता दें कि उपराष्ट्रपति पद पर आने से पहले सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। राधाकृष्णन को एनडीए ने अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। 9 सितंबर को हुए चुनाव में उन्होंने कुल 452 मत हासिल किए। वहीं, विपक्षी कैंडिडेट बी सुदर्शन रेड्डी ने कुल 300 मत हासिल किए। अब महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत को दिया गया है।

जानकारी दे दें कि, इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, कई केंद्रीय मंत्री और विपक्षी दलों के नेता भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि “उनका अनुभव और दृष्टि संसद के ऊपरी सदन (राज्यसभा) के संचालन में अमूल्य साबित होगी।”

सी.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचने से पहले सी.पी. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। उनके कार्यकाल में महाराष्ट्र की राजनीति ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उन्होंने हमेशा संतुलन और संविधान के दायरे में रहकर काम किया।
एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उतारा था। 9 सितंबर को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराते हुए 452 मत हासिल किए। रेड्डी को 300 मत मिले।

बता दें कि, सी.पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेना भारतीय राजनीति के लिए एक नया अध्याय है। वहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की सार्वजनिक वापसी ने विपक्ष की ओर से उठ रहे सवालों को विराम दिया है। अब सबकी नजरें इस बात पर होंगी कि राधाकृष्णन राज्यसभा के संचालन और लोकतांत्रिक परंपराओं को किस तरह आगे बढ़ाते हैं।

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