‘अगर तहव्वुर राणा अमेरिका को सौंपा जा सकता है, तो पाकिस्तान हाफिज सईद को क्यों नहीं?’ – भारतीय राजदूत जेपी सिंह का तीखा सवाल
नई दिल्ली: भारत के इज़राइल में राजदूत जेपी सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर भारत तहव्वुर राणा जैसे संदिग्ध आतंकवादी को अमेरिका को हैंडओवर कर सकता है, तो पाकिस्तान को भी हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी और साजिद मीर जैसे वैश्विक आतंकियों को भारत के हवाले करना चाहिए।
जेपी सिंह ने इज़रायली मीडिया चैनल को दिए एक साक्षात्कार में यह बयान दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के दोहरे मापदंडों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सैन्य ऑपरेशन अब भी जारी है और अब हमारी नीति “न्यू नॉर्मल” – यानी आक्रामक आतंकवाद विरोधी रणनीति – बन चुकी है।
पाकिस्तान पर तीखा प्रहार
जेपी सिंह का बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तान में पल रहे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकियों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। हाफिज सईद, जो 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, अभी भी पाकिस्तान में सजा काट रहा है, लेकिन भारत का मानना है कि यह केवल दिखावा है और सईद को भारत के हवाले किया जाना चाहिए।
जेपी सिंह ने पूछा, “हमने अपने देश से तहव्वुर राणा को अमेरिका को सौंपा, जो कि 26/11 के हमलों में शामिल था। तो फिर पाकिस्तान क्या बाध्य नहीं है कि वो हाफिज सईद, लखवी और साजिद मीर को भारत को सौंपे? यदि पाकिस्तान वास्तव में आतंकवाद के खिलाफ है, तो उसे इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।”
सिंधु जल संधि पर भारत की सख्त नीति
साक्षात्कार में सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) का ज़िक्र करते हुए जेपी सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत इस संधि की समीक्षा करे। उन्होंने दो टूक कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” उनका यह बयान पाकिस्तान को साफ संदेश था कि अगर वह भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देगा, तो भारत भी मानवता और सद्भावना के नाम पर बहाए जा रहे पानी को रोक सकता है।
सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसके तहत भारत अपने हिस्से के पानी को पाकिस्तान को बहने देता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की तरफ से बढ़ते आतंकवादी हमलों और घुसपैठ की घटनाओं के मद्देनज़र भारत सरकार पर इस संधि की पुनरावलोकन की मांग बढ़ रही है।
भारत की आक्रामक आतंकवाद विरोधी रणनीति
जेपी सिंह ने कहा कि भारत अब आतंकवाद से निपटने के लिए रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपना चुका है। उन्होंने कहा, “हम अब आतंकवाद के खिलाफ निष्क्रिय नहीं बैठ सकते। हमारी नीति अब स्पष्ट है – जहां आतंकवादी मिलेंगे, वहीं उन्हें जवाब मिलेगा।”
उनके अनुसार, भारत के सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे कदमों ने यह दिखाया है कि भारत अब किसी भी हमले का जवाब सीधे और सटीक तरीके से देने के लिए तैयार है।