उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में 16 सितंबर से “किसान पंजीकरण विशेष अभियान“ की शुरुआत होगी। इस अभियान का उद्देश्य है कि प्रदेश के हर किसान का 100% रजिस्ट्रेशन हो और कोई भी किसान सरकारी योजनाओं से वंचित न रह सके।
रिपोर्ट्स की मानें तो किसान सीधे यूपी कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं. सबसे पहले “किसान पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें. वहां एक फॉर्म खुलेगा जिसमें नाम, पिता/पति का नाम, आधार नंबर, बैंक खाता विवरण, जमीन की जानकारी और मोबाइल नंबर भरना होगा. सबमिट करने के बाद आवेदन पूरा हो जाएगा.
इसके अलावा ऑफलाइन भी आवेदन करना होगा. अगर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो किसान सीधे ग्राम पंचायत, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), तहसील या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. वहां अधिकारी उनके आधार और जमीन के कागजात की जांच करके रजिस्ट्रेशन करेंगे.
क्यों जरूरी है किसानों का पंजीकरण?
अक्सर देखा गया है कि कई बार किसान योजनाओं का लाभ सिर्फ इसलिए नहीं ले पाते क्योंकि उनका नाम पंजीकृत नहीं होता या फिर दस्तावेजों में गड़बड़ी रह जाती है। इसके चलते प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) जैसी योजनाओं की किस्तें समय पर नहीं मिल पातीं।
कैसे करें किसान पंजीकरण?
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए हैं।
सरकार की रणनीति
राज्य सरकार ने इस अभियान को मिशन मोड में चलाने का निर्णय लिया है।
- हर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
- पंचायत स्तर तक अभियान की निगरानी होगी।
- जिन जिलों में प्रगति धीमी है, वहां अतिरिक्त टीम और संसाधन भेजे जाएंगे।
- किसानों को पंजीकरण के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए ग्रामीण जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में किसानों का 100% रजिस्ट्रेशन आसान काम नहीं है। लेकिन सरकार का मानना है कि अगर सभी विभाग मिलकर प्रयास करें तो यह लक्ष्य जल्दी हासिल किया जा सकता है। इस अभियान के बाद उम्मीद की जा रही है कि किसान योजनाओं से जुड़ने में और अधिक सहज महसूस करेंगे और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।