अमेरिका में 43 दिनों से चल रहा अब तक का सबसे लंबा सरकारी शटडाउन आखिरकार खत्म हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (12 नवंबर 2025) को उस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसे यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने पारित किया था। इसके साथ ही अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा प्रशासनिक ठहराव समाप्त हो गया और सरकारी कामकाज अब दोबारा शुरू हो सकेगा।
इस बिल के लिए छह डेमोक्रेट सांसदों जैरेड गोल्डन, एडम ग्रे, मेरी ग्लूसेनकैंप पेरेज, हेनरी क्युलर, टॉम सूजी और डॉन डेविस ने पार्टी लाइन से हटकर इस बिल के पक्ष में मतदान किया. वहीं, रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी और ग्रेग स्ट्यूबे ने इसके खिलाफ वोट दिया. दोनों दलों के बीच यह टकराव इतना गहरा गया कि फेडरल फंडिंग पैकेज पर सहमति नहीं बन सकी। नतीजतन 43 दिनों तक सरकारी कामकाज ठप रहा। फेडरल एजेंसियों में हजारों कर्मचारियों को बिना वेतन घर बैठना पड़ा। कई सरकारी सेवाएं जैसे SNAP, WIC, और वेटरन सर्विसेज आंशिक रूप से प्रभावित रहीं।
नया बिल क्या कहता है?
नया फंडिंग बिल सरकार को 30 जनवरी 2026 तक की अस्थायी राहत देता है। इस अवधि में फेडरल संस्थानों को पुनः काम शुरू करने और सेवाओं को सामान्य बनाने की अनुमति दी गई है।
इस बिल के तहत:
- सरकार को अगले 75 दिनों के लिए फंडिंग जारी रहेगी।
- SNAP (Supplemental Nutrition Assistance Program), WIC (Women, Infants, and Children), और वेटरन सर्विसेज को वित्तीय वर्ष 2026 के अंत तक फंडिंग दी जाएगी।
- हालांकि, हेल्थ इंश्योरेंस सब्सिडी पर कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी, जो अमेरिकियों को बीमा प्रीमियम भरने में राहत देती है।
कैसा रहा मतदान?
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में इस बिल के पक्ष में 222 वोट और विरोध में 209 वोट पड़े। दिलचस्प बात यह रही कि छह डेमोक्रेट सांसदों — जैरेड गोल्डन, एडम ग्रे, मेरी ग्लूसेनकैंप पेरेज, हेनरी क्युलर, टॉम सूजी, और डॉन डेविस — ने अपनी पार्टी लाइन से हटकर बिल के पक्ष में मतदान किया। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के दो सांसद — थॉमस मैसी और ग्रेग स्ट्यूबे — ने इसके खिलाफ वोट दिया। सीनेट में यह बिल पहले ही पारित हो चुका था। इसलिए ट्रंप के हस्ताक्षर के साथ ही यह अब कानून बन गया और शटडाउन समाप्त हो गया।
अब जब शटडाउन खत्म हो चुका है, तो सभी की नजरें 30 जनवरी 2026 पर टिकी हैं, जो नई फंडिंग डेडलाइन तय की गई है। अगर तब तक दोनों पार्टियां दीर्घकालिक बजट समझौते पर नहीं पहुंचीं, तो अमेरिका को फिर से शटडाउन के खतरे का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इस बार दोनों दलों ने संकेत दिए हैं कि वे एक स्थायी समाधान पर काम करेंगे ताकि भविष्य में सरकार को इस तरह के ठहराव से न गुजरना पड़े।
