नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
देवबंद। जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने योगगुरु बाबा रामदेव के बयान की निंदा की है। उन्होंने इसे नफरत फैलाना वाला बताया और माफी की मांग की।
मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने रविवार को जारी बयान में कहा कि बाबा रामदेव ने अपने एक शरबत का प्रचार करते हुए बिना नाम लिए दूसरी कंपनी की प्रसिद्ध शरबत को निशाना बनाया। उसे मजहबी रंग देने की कोशिश की। उन्होंने बयान को गैर जिम्मेदाराना और नफरत फैलाने वाला करार देते हुए कहा कि हम बाबा रामदेव को अब तक एक योगगुरु मानते थे, लेकिन उनके इस बयान ने साबित कर दिया कि वह केवल एक कारोबारी हैं, जो अपने व्यापार को मजहब के सहारे आगे बढ़ाना चाहते हैं।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।