पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर नीतीश कुमार का जलवा छा गया। जनता दल (यूनाइटेड) के संरक्षक और राज्य के दिग्गज नेता नीतीश कुमार ने आज दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गांधी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ के साथ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की नई सरकार ने सत्ता संभाल ली, जो हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 243 सीटों में से 202 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल कर चुकी है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और धर्मेंद्र प्रधान जैसे केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, गुजरा…
गांधी मैदान, जो 1974 में जयप्रकाश नारायण के ‘सम्पूर्ण क्रांति’ के ऐतिहासिक नारे का गवाह रहा है, आज फिर बिहार की राजनीति का केंद्र बना। सुबह करीब 11:30 बजे शुरू हुए समारोह में नीतीश कुमार सबसे पहले शपथ लेने वाले थे। इसके बाद भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की, जिसमें भाजपा के 14, जदयू के 8, लोजपा (रामविलास) के 2, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) के 1 और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के 1 मंत्री शामिल हैं।
कैबिनेट में तीन महिलाओं और एक मुस्लिम चेहरे को जगह दी गई है, जो विविधता का संकेत देता है। नौ नए चेहरे भी शामिल हुए, जिनमें लोजपा (आरवी) के संजय कुमार सिंह प्रमुख हैं, जिन्होंने हाल के चुनाव में आरजेडी के तेज प्रताप यादव को हराया था।
शपथग्रहण के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
2,500 पुलिसकर्मी, 128 सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और स्नाइपर तैनात थे। लाखों समर्थक मैदान में उमड़ पड़े, जिससे माहौल उत्साहपूर्ण हो गया। नीतीश कुमार ने शपथ के बाद छोटा-सा भाषण दिया, जिसमें उन्होंने जनता को बधाई दी और कहा, “मैं अपने पिता को बधाई देता हूं… यह जनता का आशीर्वाद है।” उन्होंने विकास और सुशासन पर जोर देते हुए कहा कि बिहार को ‘विकसित भारत’ का हिस्सा बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ के बाद नीतीश कुमार को बधाई दी और ट्वीट किया, “एनडीए टीम को शुभकामनाएं, बिहार का विकास नई ऊंचाइयों को छुएगा।”
लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान ने कहा, “यह बड़ी जिम्मेदारी है, बिहार पहले।” जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने इसे “ऐतिहासिक क्षण” बताया। भाजपा के दिलीप जायसवाल ने कहा, “कानून के राज में विकसित बिहार बनाएंगे।”नीतीश का राजनीतिक सफर: 25 सालों में दस शपथेंनीतीश कुमार का यह सफर किसी सियासी उपन्यास जैसा है। 2000 में पहली बार (सिर्फ सात दिनों के लिए) मुख्यमंत्री बने, जब समता पार्टी-भाजपा गठबंधन लालू प्रसाद यादव की पकड़ तोड़ने में नाकाम रहा।
नीतिश कुमार 2005 से लगातार सत्ता में बने रहे, लेकिन गठबंधनों के उलटफेर ने उन्हें कई बार शपथ दिलाई – 2005, 2010, 2014, 2015 (दो बार), 2017, 2022, 2024 और अब 2025। यानी 25 सालों में अब तक दस शपथ। 2014-15 में नौ महीने जितन राम मांझी और 2000-2005 में राबड़ी देवी के कार्यकाल को छोड़कर, नीतीश 19 साल से अधिक समय से सत्ता की कमान संभाल चुके हैं। वे देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों में शुमार हैं।
