आगरा उत्तर प्रदेश के आगरा में शनिवार की सुबह कोहरे ने ऐसा कहर बरपाया कि दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल मानो धुंध के समुद्र में कहीं खो गया। घना कोहरा इतना गहरा था कि दृश्यता लगभग शून्य तक पहुंच गई। मोहब्बत की अमर निशानी कही जाने वाली यह ऐतिहासिक इमारत पूरी तरह से कोहरे की चादर में समा गई, जिससे ताजमहल का दीदार करने पहुंचे हजारों देशी और विदेशी पर्यटक मायूस नजर आए।
बता दें कि, महाराष्ट्र के सोलापुर से ताजमहल देखने आईं कविता तिवारी ने मायूसी भरे स्वर में कहा कि वे पहली बार आगरा आई थीं. उनका कहना था कि ताजमहल देखने आए थे, पर फ… वही, ओडिशा के कटक से आईं रेखा वेंकटेश ने ठिठुरते हुए बताया कि आगरा पहुंचने पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया।
गौरतलब हैं कि, पर्यटकों की आंखें बार-बार सामने फैले धुंधले दृश्य को चीरने की कोशिश करती रहीं। कोई अपनी आंखें मसलकर देखने का प्रयास कर रहा था, तो कोई मोबाइल कैमरे में ज़ूम बढ़ाकर ताजमहल को कैद करने की कोशिश करता दिखा। हालांकि, हर कोशिश नाकाम रही। कई पर्यटकों के मोबाइल कैमरों में ताजमहल की जगह सिर्फ सफेद धुंध ही कैद हो सकी।
कुल मिलाकर, आगरा में शनिवार की सुबह कोहरे ने न सिर्फ ताजमहल को अपनी चादर में छुपा लिया, बल्कि हजारों पर्यटकों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। मौसम साफ होने के बाद ही ताजमहल का वास्तविक सौंदर्य निहारने का मौका मिल सकेगा। तब तक, आगरा आए सैलानियों को धैर्य और सावधानी के साथ इस ऐतिहासिक शहर की सैर करनी होगी, क्योंकि प्रकृति के इस बदलते मिजाज के आगे फिलहाल हर कोई बेबस नजर आ रहा है।
